
1964 में बनी शराबी फिल्म, जो हिंदी सिनेमा की एक अनमोल धरोहर है, राज ऋषि के निर्देशन में आई थी। इस फिल्म में देव आनंद और मधुबाला ने अपनी अदाकारी से दिल जीत लिया। मदन मोहन का संगीत और राजेन्द्र कृष्ण के गीतों ने इसे और भी खास बना दिया।
कहानी
फ़िल्म की कहानी केशव (देव आनंद) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक शराबी है और गरीबी की मार झेल रहा है। पिता के निधन के बाद वह खुद को बदलने का वादा करता है, लेकिन जीवन की कठोरता उसे फिर से अपने पुराने रास्ते पर ला देती है। मधुबाला ने कमला की भूमिका निभाई है, जो उसके प्यार और परिवार के बीच फंसी हुई है।
कलाकारों का जलवा
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देव आनंद ने केशव के किरदार में बेहद संवेदनशील अभिनय किया।
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मधुबाला की नाजुकता और मजबूती, कमला के रूप में यादगार है।
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ललिता पवार ने मां के रूप में दमदार भूमिका निभाई।
मदन मोहन के गीत: दिल को छू लेने वाले
मोहम्मद रफ़ी और आशा भोंसले की आवाज़ में मदन मोहन के संगीत ने फिल्म को अमर कर दिया। खासकर “मुझे ले चलो आज फिर” और “सावन के महीने में” जैसे गाने आज भी ज़ुबां पर चिपके हुए हैं।
फ़िल्म की विशेषताएँ
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दिल को छू लेने वाली कहानी
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बेहतरीन अभिनय और किरदारों की गहराई
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सदाबहार संगीत जो हर दिल को छू जाता है
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सामाजिक मुद्दों पर गहरा प्रकाश