
वैंकूवर, कनाडा — जहां बर्फ गिरती है, वहां अब धमकियां भी गिर रही हैं। ‘सिख फॉर जस्टिस’ (SFJ) नाम का प्रतिबंधित खालिस्तानी संगठन एक बार फिर अपने पुराने फॉर्म में है — और इस बार उसका “मिशन: कब्जा दूतावास” है।
जी हां, 18 सितंबर (गुरुवार) को वैंकूवर स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास को घेरने और कब्जा करने की धमकी खुलेआम दी गई है।
SFJ ने कहा है — “भारतीय मिशन हमारे ‘खालिस्तान जनमत संग्रह’ को रोक रहा है। निगरानी कर रहा है। इसलिए अब हम जवाब देंगे!”
“गन टारगेट पोस्टर” में भारत के उच्चायुक्त दिनेश पटनायक की फोटो के ऊपर निशाना बनाना — ये नया PR है या पुलिस केस, ये तो RCMP ही बताएगी।
कनाडा सरकार की चुप्पी: ट्रूडो अब भी ट्रांज़िट मोड में?
SFJ के इस खुल्लमखुल्ला ‘घेराव’ के ऐलान पर अब तक कनाडा की सरकार गहरी नींद में है। ना कोई बयान, ना कोई कदम, और ना ही किसी सुरक्षा एजेंसी की सख्ती।
क्या भारत खुफिया निगरानी कर रहा है? SFJ को है डर!
SFJ का दावा है कि भारतीय एजेंसियां उनके समर्थकों पर वैंकूवर में “सैटेलाइट निगरानी” कर रही हैं। मतलब, खालिस्तानियों को अब डर लग रहा है कि कहीं उनका “बुलेटिन बॉयज क्लब” पकड़ न लिया जाए।
“इतनी चिंता तो Netflix भी नहीं करता अपनी पाइरेसी पर, जितनी SFJ को ‘मिशन रॉ’ से है।”
SFJ का नया पोस्टर: पॉलिटिकल एक्टिविज़्म या ओपन थ्रेट?
संगठन ने एक नया पोस्टर निकाला है जिसमें भारत के उच्चायुक्त दिनेश पटनायक की तस्वीर पर गन का टारगेट लगाया गया है।
अब ये “विजुअल एक्टिविज़्म” है या “आतंकी इशारा”, ये डिस्कस हो सकता है — लेकिन पुलिस स्टेशन में, कोर्ट रूम में — ट्विटर पर नहीं।
कनाडा में फंडिंग किसकी जेब से?
कनाडा सरकार की अपनी ही आंतरिक रिपोर्ट ने माना है कि देश में खालिस्तानी गतिविधियां बनी हुई हैं। उन्हें विदेशी फंडिंग भी मिल रही है। SFJ के अलावा बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) और ISYF जैसे संगठनों की मौजूदगी भी रिपोर्ट में दर्ज है।
“आतंक अब सिर्फ AK-47 से नहीं होता, बल्कि PayPal, Patreon और गुप्त खातों से भी!”
कनाडा में खालिस्तान: एक्टिविज़्म या ‘बॉर्डरलेस आतंकी पर्यटन’?
SFJ का हर नया वीडियो, पोस्टर और धमकी एक बात ज़रूर बताता है — “विचारधारा” अब एक्सपायर हो चुकी है, लेकिन उसके प्रोडक्ट्स अब भी मार्केट में बिक रहे हैं!”
“जनमत संग्रह या जनमत संत्रास?”
कनाडा की धरती पर जनमत संग्रह करने का अधिकार मांगने वाले भूल जाते हैं कि ये लोकतंत्र का मज़ाक है, न कि मिशन मंगल!
धमकी के बाद एक्शन का इंतज़ार, मगर कनाडा अभी भी ‘पॉलिटिकली करेक्ट’ मोड में
SFJ की नई धमकी और भारतीय दूतावास को निशाना बनाए जाने का ऐलान एक गंभीर कूटनीतिक खतरा है। भारत और कनाडा के रिश्तों में हालिया सुधार के बीच ऐसी हरकतें फिर तनाव का कारण बन सकती हैं।
अब देखना ये है कि क्या कनाडा सरकार इस बार सिर्फ ‘नोटिस लेगी’ या कार्रवाई भी करेगी?
और क्या SFJ के समर्थकों को आखिरकार लॉ की भाषा समझाई जाएगी?
“कनाडा में प्रेस कॉन्फ्रेंस से नहीं, अब कोर्ट और एक्शन से फर्क पड़ेगा।”
झांसी में अरविंद यादव हत्याकांड: आरोपियों को बचाने वालों का एनकाउंटर

