‘सेवा आपके द्वार’: पेमा खांडू का मिशन, सरकार खुद पहुंची जनता के घर

Lee Chang (North East Expert)
Lee Chang (North East Expert)

जब सरकार खुद चलकर आपके दरवाजे तक आए और कहे — “भाईसाब, योजना चाहिए क्या?”,
तो समझिए कि बात अब फाइलों से फील्ड तक आ गई है। अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने बताया कि
‘सेवा आपके द्वार’ अब सिर्फ एक योजना नहीं, चलती-फिरती सरकार बन गई है।

1,051 कैंप और 15 लाख लोग – ये है सरकार का नया सर्विस रिकॉर्ड

सीएम खांडू के अनुसार:

  • 1,051+ शिविर आयोजित हो चुके हैं

  • 15 लाख+ नागरिकों ने कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाया

  • और ये सब हुआ बिना RTI डाले, बिना ऑफिस के चक्कर लगाए!

मतलब सरकार अब वाट्सएप फॉरवर्ड की तरह वायरल हो रही है – हर गाँव तक।

पुश बनाम पुल: अब सरकार खींच नहीं रही, धक्का दे रही है (सेवा का!)

CM ने बताया कि शासन अब ‘Pull Model’ से हटकर ‘Push Model’ की ओर बढ़ चुका है। यानी जनता अब “सरकारी दफ्तर के चक्कर काटे” वाली थकाऊ कहानी नहीं सुनेगी।

सरकार बोलेगी: “तू नहीं आया, कोई बात नहीं… हम आ गए!”

‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ बना ‘सेवा’ का सुपर-शो

राष्ट्रीय उत्सव के दौरान 26 मेगा शिविरों का आयोजन हुआ — जहां सिर्फ झंडा नहीं फहराया गया, बल्कि बिजली, राशन, पेंशन, और आवास भी बांटा गया।

और हाँ, इसमें नेता सिर्फ रिबन काटने नहीं, फॉर्म भरवाने भी आए।

योजना की जानकारी, पात्रता की ट्रेनिंग — अब काउंटर नहीं, क्लासरूम है सरकार

मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘सेवा आपके द्वार’ का उद्देश्य सिर्फ सेवा देना नहीं, बल्कि जनता को educate करना भी है – “क्या है योजना, कैसे मिलेगा लाभ”

यानि अब:

“मुझे नहीं पता था” वाली दलील भी अवैध हो जाएगी!

कोई पीछे न छूटे — Literally and Logically!

खांडू ने दोहराया:

“हम ये सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी पात्र व्यक्ति छूट न जाए।”

सरकार अब OTP नहीं पूछेगी, बस दरवाज़ा खोले तो मिलेगा सब।
(हां, आधार नंबर ज़रूरी रहेगा, वो भूलिएगा मत।)

यह योजना है या चलती-फिरती ‘गवर्नमेंट ऑन व्हील्स’?

जब दूसरे राज्य फॉर्म भरने की डिजिटल अपील कर रहे हैं, अरुणाचल की सरकार सीधा घर पर आ रही है — “कहिए, आज किस योजना में दिलचस्पी है?”

कभी राशन, कभी हेल्थ कार्ड, कभी पेंशन — लगता है सरकार अब Swiggy की तरह ‘Multiple Services In One Visit’ देने लगी है!

अगर सरकार ऐसे ही चलती रही, तो शायद विपक्ष को भी दरवाज़ा खटखटाना पड़े

‘सेवा आपके द्वार’ ने जो मॉडल पेश किया है, वो सिर्फ अरुणाचल नहीं, पूरे देश के लिए गवर्नेंस का टेम्प्लेट बन सकता है।

क्योंकि असली विकास वही है, जो जनता को ‘सरकारी छुट्टी’ के दिन भी घर बैठे सेवा दे।

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