
मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता सौरभ भारद्वाज से जुड़े कई ठिकानों पर छापेमारी की। जांच का कथित संबंध दिल्ली के मेडिकल विभाग से जुड़े कथित घोटाले से बताया जा रहा है।
बीजेपी का आरोप: “मेडिकल स्कैम से जुड़ा मामला है”
बीजेपी नेताओं का दावा है कि यह छापेमारी सौरभ भारद्वाज की भूमिका की गंभीर जांच के तहत की गई है, जो एक बड़े स्तर पर हुए मेडिकल घोटाले से जुड़ी हुई है।
हालाँकि अब तक इस स्कैम की ठोस डिटेल सार्वजनिक नहीं की गई है।
AAP का पलटवार: “मोदी जी की डिग्री पर सवाल उठे, इसलिए रेड हुई”
AAP नेता आतिशी ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर दावा किया कि यह छापेमारी पूरी तरह से राजनीतिक बदले की कार्रवाई है।
“आज सौरभ जी के यहाँ रेड क्यों हुई? क्योंकि पूरे देश में मोदी जी की डिग्री पर सवाल उठ रहे हैं।”
उन्होंने तंज कसते हुए पूछा:
“क्या मोदी जी की डिग्री फर्जी है? इस चर्चा से ध्यान हटाने के लिए ही रेड डाली गई है।”
“जब केस बना, तब भारद्वाज मंत्री ही नहीं थे!”
AAP की ओर से यह भी कहा गया कि जिस समयावधि की जांच की जा रही है, उस समय सौरभ भारद्वाज मंत्री पद पर थे ही नहीं। ऐसे में “पूरा केस ही झूठा और मनगढ़ंत” बताया जा रहा है।
डिग्री बनाम रेड — असली मुद्दा क्या है?
विश्लेषकों का मानना है कि यह घटनाक्रम केवल एक प्रशासनिक जांच नहीं, बल्कि राजनीतिक संदेश भी है। एक तरफ विपक्ष मोदी की शैक्षणिक डिग्री पर सवाल उठा रहा है, दूसरी ओर केंद्र समर्थित एजेंसियां विपक्षी नेताओं पर शिकंजा कस रही हैं।
यह 2025 की राजनीति में ब्यूरोक्रेसी बनाम बैलेट बॉक्स जैसा मोर्चा बनता जा रहा है।
राजनीति में रेड भी रंग बदलती है
सौरभ भारद्वाज पर ईडी की रेड और AAP का तीखा पलटवार 2025 की सियासत में नया मोड़ ला रहा है। क्या यह सच्ची जांच है या सिर्फ डिग्री की बहस से जनता का ध्यान हटाने की चाल?
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