
जब बात innovation और education की हो, और उसमें जुड़ जाएं बेटियों की जिज्ञासा और जुनून, तब नतीजा होता है कुछ बेहद inspiring। यही हुआ सरस्वती विद्या मंदिर बालिका इंटर कॉलेज, आर्यनगर की विज्ञान प्रदर्शनी में, जहाँ बेटियों ने imagination को innovation में बदल दिया।
Innovation की झलक: Model से Mission तक
इस प्रदर्शनी में कक्षा 9 से 12 तक की छात्राओं ने 30+ साइंटिफिक मॉडल्स पेश किए। विषय थे – जल संरक्षण, स्मार्ट ट्रैफिक सिस्टम, वेस्ट मैनेजमेंट, कैंसर डिटेक्शन, नवीकरणीय ऊर्जा, और डिजिटल इंडिया जैसे समाज से जुड़े गंभीर मुद्दे।
हर प्रोजेक्ट एक सोच, समाधान और Scientific Spirit को दर्शा रहा था। बेटियों ने अपने प्रोजेक्ट्स को सिर्फ explain नहीं किया, बल्कि उनमें समाज के लिए solutions भी पेश किए।
जब मंच पर बोले Mentor और Guest
प्रदर्शनी का शुभारंभ मुख्य अतिथि जिला विद्यालय निरीक्षक उमाशंकर सिंह ने दीप प्रज्वलन के साथ किया।
उन्होंने कहा – “भारत की बेटियाँ अब सिर्फ सीख नहीं रहीं, वे नई राहें बना रही हैं। इस तरह की प्रदर्शनियाँ उन्हें आत्मनिर्भरता और वैज्ञानिक दृष्टिकोण देती हैं।”
विशिष्ट अतिथि डॉ. मीना जोशी, अध्यक्ष विज्ञान भारती, ने कहा – “Science और Society का रिश्ता बहुत गहरा है। बेटियाँ जब innovate करती हैं, तो समाज में प्रगति की रोशनी फैलती है।”
प्रतिभा की पहचान: विजेताओं की घोषणा
प्रदर्शनी के अंत में हुआ result declaration, जहाँ चयनित मॉडल्स को पुरस्कृत किया गया।
समूह A (कक्षा 9-10):
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प्रथम – सोहम मौर्या
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द्वितीय – खुशबू यादव
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तृतीय – सोनम तिवारी
समूह B (कक्षा 11-12):
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प्रथम – प्रियांशी यादव एवं टीम
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द्वितीय – नेहा एवं टीम
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तृतीय – नंदनी एवं टीम
Special Mention में शामिल रहे:
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Types of Bank Model
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Cancer Detection System
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Water Purification
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Smart Traffic Light
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Human Heart Circulation
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Recycle System
हर एक प्रोजेक्ट में था समस्या का समाधान और टेक्नोलॉजी का टच।
जब बोले Teachers और Management
प्रधानाचार्या रजनी मिश्रा ने बेटियों को संबोधित करते हुए कहा – “ये छात्राएँ सिर्फ विद्यालय की नहीं, पूरे शहर की शान हैं। इनका आत्मविश्वास ही भविष्य की सबसे बड़ी पूंजी है।”
विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष श्री विष्णु प्रसाद सिंह ने कहा – “यह प्रदर्शनी सिर्फ विज्ञान का प्रदर्शन नहीं, बल्कि नवाचार का पर्व है। बेटियाँ आज सीमाओं को नहीं, संभावनाओं को मानती हैं।”
टीमवर्क जिसने बनाया आयोजन को सफल
कार्यक्रम में मौजूद शिक्षकों में शामिल थे:
ज्ञानेंद्र राय, अर्पिता त्रिपाठी, सीमा श्रीवास्तव, प्रीति श्रीवास्तव, कविता पांडेय, ज्योति तिवारी और सुमन दीक्षित।
उनकी प्रेरणा और मार्गदर्शन ने छात्राओं के हुनर को आकार दिया।
एक प्रदर्शनी, अनगिनत प्रेरणाएँ
यह विज्ञान प्रदर्शनी केवल एक स्कूल कार्यक्रम नहीं थी, यह था एक नए युग का संकेत, जहाँ बेटियाँ तकनीक की torchbearer बन रही हैं।
उनकी सोच में है भविष्य की नींव, और उनके हाथों में है भारत का उज्ज्वल tomorrow।
“यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवताः” — इस मंत्र को बेटियों ने आज प्रयोग और नवाचार से साकार कर दिया।
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