होर्मुज में बवाल, लेकिन भारत बोले – ‘No Oil Worries Y’all

साक्षी चतुर्वेदी
साक्षी चतुर्वेदी

Strait of Hormuz यानी होर्मुज जलडमरूमध्य से होकर दुनिया का लगभग 20% कच्चा तेल गुजरता है। भारत रोज़ाना लगभग 5.6 मिलियन बैरल कच्चा तेल आयात करता है, जिसमें से लगभग 1.5–2 मिलियन बैरल इसी जलमार्ग से आता है।

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भारत की तैयारी कैसी है?

तेल मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भरोसा दिया है कि भारत किसी एक स्रोत या मार्ग पर निर्भर नहीं है। अब भारत 40 देशों से तेल मंगा रहा है (पहले सिर्फ 27 थे)। इनमें शामिल हैं:

रूस (38%)

अमेरिका

ब्राज़ील

सऊदी अरब व अन्य खाड़ी देश

और सबसे बड़ी बात – रूस का तेल आता है स्वेज नहर, केप ऑफ गुड होप या प्रशांत महासागर से।

तेल का भंडार कितना है भारत के पास?

भारत ने कई स्तरों पर “ऑयल बैकअप प्लान” तैयार कर रखा है:

74 दिनों का Strategic Oil Reserve

9.5 दिनों का इमरजेंसी रिजर्व

घरेलू LPG का 50% खुद उत्पादन

ONGC के 500 खुदे हुए कुएं

42 बिलियन बैरल का अनुमानित घरेलू भंडार

अगर होर्मुज बंद हुआ तो प्लान-B?

भारत के पास और भी रास्ते हैं:

वेस्ट अफ्रीका, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील जैसे विकल्प

कतर से LNG आयात होर्मुज पर निर्भर नहीं

आवश्यकता पड़ी तो तेल निर्यात पर रोक लगाकर घरेलू आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी

क्या इससे तेल महंगा हो जाएगा?

बाजार में थोड़ा उथल-पुथल संभव है —

अंतरराष्ट्रीय बीमा और भाड़ा महंगा होगा

लेकिन भारत के सरकारी स्टॉक और विविध स्रोतों की वजह से घरेलू स्तर पर पेट्रोल/डीज़ल के दाम नहीं बढ़ने की संभावना है

पिछले 3 साल में तीन बार कीमतें कम की गईं

होर्मुज बंद तो क्या, भारत का ‘ऑइल मस्त प्लान’ तैयार है

दुनिया चाहे जितना भी सुलगे, भारत ने साबित कर दिया है कि एनर्जी सेक्टर में आत्मनिर्भरता का रास्ता सिर्फ नारा नहीं, एक रणनीतिक रियलिटी है। तेल का खेल अब ‘तेल से आगे’ की सोच मांगता है, और भारत उस रास्ते पर काफी दूर निकल चुका है।

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