
जब रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने आईपीएल ट्रॉफी जीतकर इतिहास रचा, तो बंगलूरू में जश्न की तैयारियां पूरे जोरों पर थीं। लेकिन चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर का नज़ारा उत्सव नहीं, त्रासदी में बदल गया। 11 लोग मारे गए, 50 से ज्यादा घायल हुए।
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इसी हादसे की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) के सचिव ए. शंकर और कोषाध्यक्ष ई.एस. जयराम ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया।
“हमारी भूमिका सीमित थी, लेकिन ज़मीर पूरी स्पीड में दौड़ गया”
संयुक्त बयान में दोनों पदाधिकारियों ने कहा,
“हमारे हाथों में बहुत कुछ नहीं था, लेकिन दिल ने कहा – छोड़ दो!”
उन्होंने गुरुवार रात अध्यक्ष को इस्तीफा सौंपा और खुद को हादसे के लिए नैतिक रूप से जवाबदेह माना। वहीं सोशल मीडिया पर सवाल बना हुआ है:
“जश्न के वीडियो तो चल रहे थे, एंबुलेंस कहां थी?”
सोशल मीडिया इनवाइट से लाखों पहुंचे, फिर कहा – हमें नहीं पता था!
RCB का सोशल मीडिया इनवाइट लाखों लोगों को स्टेडियम के बाहर खींच लाया। बाद में इनवाइट डिलीट कर दिया गया — लेकिन भीड़ तो पहुंच चुकी थी। VVIP अंदर थे, आम जनता सड़क पर पिस रही थी। इसके बाद रोड शो रद्द हुआ, लेकिन स्टेडियम के अंदर संगीत, नृत्य और सेल्फी चालू रहीं।
“केएससीए की कोई गलती नहीं थी” – हाईकोर्ट में दलील
KSCA ने कर्नाटक हाईकोर्ट में कहा:
“हम सिर्फ मैदान देते हैं, भीड़ नहीं मंगाते।” उन्होंने D.N.A. एंटरटेनमेंट प्रा. लि. को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि
एफआईआर दबाव में की गई।
अब हाईकोर्ट ने पुलिस को 16 जून तक कोई सख्त कदम न उठाने का आदेश दिया है और राज्य सरकार से स्थिति रिपोर्ट मांगी है।
भीड़ क्यों नहीं संभाली गई?
RCB की जीत पहली थी, लेकिन भीड़ प्रबंधन की तैयारी आखिरी कतार में भी नहीं दिखी। जहां एक तरफ पसीने और चीखों से सड़कें भरी थीं, अंदर एयरकंडीशनर और सेलिब्रेशन की चमक थी। कहने को जश्न था, लेकिन जिम्मेदारी की बैटिंग कोई नहीं कर रहा था।
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