
शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के सांसद संजय राउत ने भारतीय सेना द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर को असफल बताते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस्तीफे की मांग की है। राउत ने कहा कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर की घोषणा की थी, लेकिन हमले के जिम्मेदार आतंकवादियों की गिरफ्तारी में कोई प्रगति नहीं हुई है।
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ऑपरेशन सिंदूर:
ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाना था, जिनका संबंध लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) से था। 7 मई 2025 को भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना ने संयुक्त रूप से 25 मिनट में 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया। इस ऑपरेशन में 70 से अधिक आतंकवादी मारे गए, जिनमें उच्च स्तर के कमांडर भी शामिल थे।
राउत का बयान: ‘फेल ऑपरेशन’ और इस्तीफे की मांग
संजय राउत ने मीडिया से बातचीत में कहा, “ऑपरेशन सिंदूर तो सबसे पहले एक असफल ऑपरेशन है।” उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा का दावा किया था, लेकिन हमले से यह दावे खोखले साबित हुए हैं।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
राउत के इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता इस बयान की आलोचना कर रहे हैं, जबकि विपक्ष इसे सरकार की विफलता के रूप में देख रहा है। राउत ने यह भी सवाल उठाया कि पहलगाम हमले के जिम्मेदार आतंकवादी कहां हैं और क्या वे गुजरात के दाहोद में छिपे हैं।
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता या विफलता पर विभिन्न राजनीतिक दलों के अलग-अलग दृष्टिकोण हैं। जहां एक ओर सरकार इसे आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के रूप में प्रस्तुत कर रही है, वहीं विपक्ष इसे सरकार की विफलता के रूप में देख रहा है। संजय राउत का बयान इस बहस को और तेज़ कर रहा है।
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