राहुल की यात्रा का Grand Finale बना बिहार का Election Teaser

Ajay Gupta
Ajay Gupta

राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ आज पटना में अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच गई। बिहार के 20 जिलों से गुज़रकर लोकतंत्र की कथित ‘लूट’ के खिलाफ निकली इस यात्रा ने पटना के डाकबंगला चौराहे पर चुनावी रंग में रंगा माहौल बना दिया।

राहुल गांधी, तेजस्वी यादव, हेमंत सोरेन, दीपांकर भट्टाचार्य, मुकेश सहनी, और युसूफ पठान समेत कई बड़े चेहरे मंच पर मौजूद थे। वहीं भीड़ में से ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ के नारे गूंजते रहे — जैसे कोई गाना हो जो हर नुक्कड़ पर बज रहा हो।

Crowd Scene: भीड़ आई, पोस्टर लगे, सियासत गरमाई

पटना में डाकबंगला से गांधी मैदान तक जैसे राजनीति की बारात निकली। बैनर, पोस्टर, रोड शो, और भाषणों की बरसात में राहुल गांधी और INDIA Bloc नेताओं ने वोटरों को याद दिलाया कि “आपके वोट पर ही लोकतंत्र की जान टिकी है।”

पुलिस को बैरिकेडिंग करनी पड़ी और ऑटो-रिक्शा वालों को छुट्टी। यानी लोकतंत्र बचाने के लिए आम आदमी का सफर थोड़ा मुश्किल जरूर हुआ, मगर सियासी इरादे बड़े पक्के थे।

https://twitter.com/i/broadcasts/1djGXWbnRaBKZ

नेताओं के बयान: कोई गरम, कोई नरम, कुछ तंजदार

सचिन पायलट: “ये यात्रा नहीं, लोकतंत्र की सांसें बचाने की कोशिश है।”
अशोक गहलोत: “यह यात्रा पूरे देश में असर डालेगी, बिहार से उठी आवाज अब गूंजेगी संसद तक।”
तेजस्वी यादव: “चुनाव आयोग पर अब भरोसा नहीं रहा, BJP बेनकाब हो चुकी है।”
सुप्रिया श्रीनेत: “वोट चोरों को जवाब देने बिहार तैयार है। ये सिर्फ यात्रा नहीं, चेतावनी है।”
विजय कुमार सिन्हा (डिप्टी सीएम – BJP): “चांदी का चम्मच लेकर पैदा हुए ये युवराज लोकतंत्र लूटना चाहते हैं।”
अशोक चौधरी (मंत्री – NDA): “भीड़ जुटा लो, वोट में बदलेगा नहीं।”

Adhikar Yatra या Voter Anger Express?

यात्रा ने कुछ सियासी चेहरों को चमकाया और कुछ की बत्ती गुल कर दी।
विपक्ष ने कहा – “हम लोकतंत्र की रक्षा करने निकले हैं।”
सत्ता पक्ष ने कहा – “यह तो सत्ता पाने की desperation है।”

सच तो ये है कि इस यात्रा ने वोटरों को कम से कम याद तो दिला दिया कि उनका वोट सिर्फ एक बटन नहीं, एक हथियार है।

क्या बदलेगा बिहार का मूड? या ये भी बस एक रैली थी?

INDIA Bloc की रणनीति अब साफ है — “लोकतंत्र खतरे में है” का एजेंडा 2025 के चुनावों तक लेकर जाना है। लेकिन क्या पटना की ये भारी भीड़ वोट में बदलेगी या भीड़-प्रबंधन का इवेंट बनकर रह जाएगी?
इस सवाल का जवाब तो EVM ही देगी… और EVM फिलहाल चुप है।

जनता जाग रही है या नेता जगा रहे हैं?

राहुल गांधी की इस यात्रा ने एक बात तो तय कर दी — विपक्ष अब भी मैदान में है, और नारे गूंजते हैं तो असर भी होता है। पर असली जंग तो बैलट बॉक्स के पास लड़ी जाएगी।

शहबाज, कोई पानी तक नहीं पुछा!” SCO में Modi-Putin निकले सुपरस्टार

Related posts

Leave a Comment