अमरेश की रिपोर्ट
रायबरेली जिले के महाराजगंज कोतवाली क्षेत्र के मोन गांव में शनिवार दोपहर एक रहस्यमयी और डरावनी चिट्ठी ने सभी को हिलाकर रख दिया।
जहां पहले से ही गांव में ड्रोन से रेकी कर चोरी की अफवाहें फैली थीं, वहीं अब एक धमकी भरा पत्र सामने आने से माहौल तनावपूर्ण और भयभीत हो गया है।
क्या लिखा था उस पर्ची में?
डाक विभाग में कार्यरत रामकुमार के घर के गेट पर यह पत्र मिला। पत्र में लिखा था- “आज नौ बजकर तीस मिनट पर दस घर में चोरी करेंगे… और 15 लोगों की मौत होगी आज। – 10,000 हजार लोग”
जी हां, खुद को “10,000 लोग” बताने वाले इस कथित गिरोह की ओर से धमकी सीधे किसी बॉलीवुड फिल्म की स्क्रिप्ट जैसी लगती है, मगर गांववालों के लिए यह बिल्कुल भी मज़ाक नहीं है।
पेड़ पर मिली पर्ची, गांव में फैली दहशत
रामकुमार की बहू निशा ने दोपहर करीब 2:30 बजे लॉन में फूलों के पेड़ पर पर्ची देखी। उन्होंने तत्काल परिवार और पड़ोसियों को इसकी जानकारी दी।
पलक झपकते ही पूरा गांव सन्न रह गया।
पुलिस मौके पर, गश्त तेज
सूचना मिलते ही महराजगंज पुलिस मौके पर पहुंची और पर्ची को जब्त कर जांच शुरू कर दी। सीओ प्रदीप कुमार ने मीडिया को बताया कि “इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। गांव में पुलिस गश्त बढ़ा दी गई है और लोगों को सुरक्षा का भरोसा दिया गया है।”

डर बनाम अफवाह: क्या है सच्चाई?
जहां पुलिस इसे शरारत या पैनिक फैलाने की साजिश मान रही है, वहीं गांववालों का कहना है कि ड्रोन की हलचल पिछले कुछ दिनों से दिख रही थी।
कुछ लोगों ने दावा किया कि रात में अज्ञात आवाज़ें और रोशनी भी देखी गई थीं। अब ये घटना अफवाह है या सुनियोजित साजिश, इसका जवाब पुलिस जांच के बाद ही मिलेगा।
मनोवैज्ञानिक पहलू: डर फैलाना भी अपराध है
इस तरह की घटनाएं गांव में सामाजिक तनाव, रात्रि भय, और जन असुरक्षा की भावना को बढ़ावा देती हैं। धमकी भरे पत्र चाहे फर्जी ही क्यों न हों, वे समाज में विश्वास और सुरक्षा का ढांचा हिला देते हैं। पुलिस की सबसे बड़ी जिम्मेदारी अब सिर्फ जांच नहीं, बल्कि विश्वास बहाल करना भी है।
डर का ‘लेटर बॉम्ब’ या कोई शरारत?
जब गांव के फूलों पर भी डर की चिट्ठी टंगी हो, तब यह केवल अपराध नहीं, मानसिक आतंक है। अगला कदम पुलिस का है — और ग्रामीणों को फिलहाल संयम और सतर्कता बनाए रखने की सलाह दी गई है।
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