“हर घर नौकरी? या तो वो मासूम हैं या मासूम बना रहे हैं!”

गौरव त्रिपाठी
गौरव त्रिपाठी

बिहार चुनाव की गर्मी बढ़ती जा रही है, और इस बार हीटर का स्विच प्रशांत किशोर ने ऑन कर दिया है। RJD के नेता तेजस्वी यादव के “हर घर सरकारी नौकरी” के वादे पर PK ने ऐसा पंच मारा कि बिहारी चाय से ज्यादा तेज हो गया माहौल।

उनका कहना साफ था – “या तो तेजस्वी मासूम हैं, या जनता को बना रहे हैं मासूम।”

नंबर गेम में PK की चुटकी: 18 साल में 5 लाख, अब 2 साल में 3 करोड़?

PK बोले, “18 साल में जब RJD सिर्फ 4-5 लाख सरकारी नौकरी दे पाई, तो अब 2 साल में 3 करोड़ कैसे देंगे?

“सरकारी पद बिहार में कुल 26.5 लाख हैं। अब 3 करोड़ नौकरी कहां से लाओगे? 

नीतीश पर भी बिना नाम लिए निशाना

PK ने सिर्फ तेजस्वी ही नहीं, नीतीश कुमार पर भी शायरी में कटाक्ष कर डाला – “ना नीतीश के 10 हजार पर भरोसा है जनता को, और ना RJD के 3 करोड़ के जादू पर।”

बिहार की राजनीति में अब ATM कार्ड से भी ज़्यादा Limit नेताओं के वादों में दिख रही है।

“PM 2 करोड़ नहीं दे पाए, लालू के लाल 3 करोड़ देंगे?”

PK ने कहा कि जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर साल 2 करोड़ नौकरी देने का वादा नहीं निभा पाए, तो ‘लालू के लाल’ कैसे देंगे?

PK का तंज कुछ यूं था:

“सरकार चलाना PUBG नहीं है, जहां हर मिशन में बोनस मिलता है।”

चुनाव शेड्यूल और वादा जलेबी की तरह घुमा

तेजस्वी यादव ने 9 अक्टूबर को एलान किया था कि अगर महागठबंधन सत्ता में आया, तो 20 दिन के भीतर “हर घर सरकारी नौकरी कानून” पास करेंगे। मतदान 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में है। लेकिन अभी से वादों की बरसात नहीं, आंधी चल रही है

नौकरी का वादा, वोट की सौदा?

बिहार की सियासत में एक बार फिर ‘सरकारी नौकरी’ को लोकल मिठाई बना दिया गया है – हर कोई बांट रहा है, लेकिन असल में मिलती नहीं। PK ने जो सवाल उठाया है, वो तर्क से ज्यादा तल्खी और व्यंग्य से भरा है — पर सवाल वाजिब है:

“सरकारी नौकरी देंगे या सरकारी नोटिस?”

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