
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की हलचल अभी से तेज़ हो गई है, और माहौल गर्माने का काम किसी और ने नहीं बल्कि जन सुराज पार्टी के फाउंडर प्रशांत किशोर ने किया है। पटना में मीडिया के सामने PK ने एकदम ‘डेटा के साथ धमाका’ कर दिया।
दिल्ली में 86 लाख का फ्लैट और बिहार में बीजेपी की बर्बादी?
प्रशांत किशोर का दावा है कि स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने 2020 के कोविड क्राइसिस के दौरान दिल्ली के द्वारका में अपनी पत्नी के नाम से 86 लाख रुपये का फ्लैट खरीदा। अब बात यहीं खत्म नहीं हुई — PK ने बताया कि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने इस डील में “आर्थिक इंजीनियरिंग” की।
“6 अगस्त 2019 को जायसवाल ने 25 लाख मंगल पांडेय के पिता को भेजे, फिर बहू उर्मिला पांडेय के खाते में ट्रांसफर हुए। और भी 30 लाख अवधेश पांडेय ने दिए,” PK बोले, “पर 2020 के एफिडेविट में एक भी लोन का जिक्र नहीं!”
डील के बदले डिग्री?
PK का आरोप है कि फ्लैट डील के कुछ ही समय बाद दिलीप जायसवाल के मेडिकल कॉलेज को ‘डीम्ड यूनिवर्सिटी’ का दर्जा मिल गया। यानी सब कुछ एक “give and take” के सिंपल फार्मूले पर चलता दिख रहा है।
एम्बुलेंस या एमएलए बोनस?
प्रेस कॉन्फ्रेंस में PK ने एम्बुलेंस टेंडर घोटाले का मुद्दा भी उठा दिया। उन्होंने बताया कि फरवरी 2022 में बिहार सरकार ने 200 करोड़ रुपये में 1250 एम्बुलेंस खरीदने का टेंडर जारी किया था।
टेंडर में ‘Force’ तो था, पर ‘Fairness’ नहीं
466 Type-C एम्बुलेंस की कीमत तय की गई ₹28,47,580 प्रति गाड़ी, जबकि मार्केट प्राइस सिर्फ 21 लाख के आसपास थी। इतना ही नहीं, Tata Motors को तकनीकी कारणों से बाहर कर दिया गया।
“ये खरीददारी बिहार सरकार की ‘कृपा खरीद नीति’ का साक्षात उदाहरण है,” PK ने व्यंग्य करते हुए कहा।
क्या चुनाव से पहले बीजेपी की छवि को लगेगा झटका?
PK ने जिस तरह से दस्तावेज़ों के साथ ये आरोप लगाए हैं, उससे आने वाले समय में बिहार बीजेपी को सफाई देने में पसीना आ सकता है। खासकर जब PK का दावा है कि वो और भी “सबूतों का खजाना” धीरे-धीरे खोलेंगे।
बिहार की राजनीति में अब ‘Flat Politics’ और ‘Ambulance Economics’ की एंट्री हो चुकी है। लगता है अगली बार कोई नेता ‘जनता का हाल’ पूछने से पहले ये जरूर पूछेगा —
“आपके पास कोई प्रॉपर्टी या टेंडर से जुड़ा सवाल तो नहीं?”
अहमदाबाद प्लेन क्रैश: बोइंग पर अमेरिकी कोर्ट में केस, माइक एंड्रयूज करेंगे पैरवी