“सपा OUT, योगी IN? पूजा पाल बोलीं – 9 गोलियां थीं, पर हिम्मत नहीं टूटी!”

महेंद्र सिंह
महेंद्र सिंह

पूजा पाल, जिनका नाम यूपी की राजनीति में संघर्ष और न्याय की लड़ाई का प्रतीक बन गया है, अब सपा से बाहर होने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ के नजदीक नजर आ रही हैं। चर्चा तेज है कि उन्हें सरकार में कोई बड़ी जिम्मेदारी भी मिल सकती है।

लेकिन मामला सिर्फ राजनीतिक दल बदल का नहीं, बल्कि 19 साल से चल रही एक व्यक्तिगत और राजनीतिक लड़ाई का है, जिसमें गोलियां चलीं, गवाह मारे गए, पर एक पत्नी नहीं टूटी।

“सच्चाई बोली, सपा से निकाली गई” – पूजा पाल का पलटवार

सपा की ओर से निष्कासन के बाद पूजा पाल ने सोशल मीडिया पर लिखा:

“मैंने विधानसभा में जो सच बोला, वह सबको चुभ गया। आज मेरी छवि खराब करने की कोशिश हो रही है। लेकिन मैं झुकूंगी नहीं।”

पूजा ने साफ किया कि वो राजू पाल की हत्या की लड़ाई लड़ रही थीं, लेकिन अतीक अहमद और उनके नेटवर्क ने उनके खिलाफ एक संगठित षड्यंत्र रचा।

“परिवार भी शामिल था साजिश में” – निजी जिंदगी पर खुलकर बोलीं

पूजा पाल ने एक दर्दनाक खुलासा किया –“मेरे ही परिवार के लोग, जिन्होंने मुझसे विवाह के नाम पर भरोसा लिया, बाद में अतीक के खिलाफ केस कमजोर करने की साजिश में शामिल थे।”

उन्होंने बताया कि कैसे शादी के बाद उन्हें धोखा मिला, और राजनीतिक मकसद के लिए उनका निजी जीवन निशाना बना

“9 गोलियां मेरे पति को लगी थीं, पर मेरी हिम्मत जिंदा रही”

पूजा पाल का सबसे भावुक पोस्ट उस दिन को याद करता है जब उनके पति राजू पाल की हत्या की गई थी:

“25 जनवरी 2005 – लोकतंत्र लहूलुहान था। अतीक और अशरफ ने सत्ता के दम पर केस दबाने की कोशिश की। पर मैं हर तारीख पर अदालत गई। कभी अकेली, कभी रोती हुई, पर रुकी नहीं।”

यह एक महिला की 19 साल लंबी न्याय की जिद है, जो अब राजनीतिक रूप से भी एक नया मोड़ ले रही है।

CM योगी से मुलाकात: संकेत क्या हैं?

पूजा पाल ने हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की है। इसे केवल शिष्टाचार नहीं, बल्कि राजनीतिक संदेश माना जा रहा है। सूत्रों की मानें तो उन्हें सरकार में कोई “महत्वपूर्ण जिम्मेदारी” दी जा सकती है।

क्या अब पूजा पाल BJP की नई महिला चेहरा बनेंगी, या ये सिर्फ एक सिंपैथी वेव है? जवाब आने वाले दिनों में मिलेगा।

‘सच्चाई बोलने पर सस्पेंड, झूठ बोले तो प्रवक्ता बन जाते!’

सियासत का ये ट्रैक रिवर्स गियर में है – जहां सच बोलने पर पार्टी से निकाल दिया जाता है, लेकिन स्क्रिप्टेड झूठ के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस बुक हो जाती है। पूजा पाल की कहानी में ट्रेजेडी भी है, थ्रिल भी और अब शायद एक नई शुरुआत भी।

“तोड़फोड़ नहीं, सवाल पूछो! संसद कोई ‘WWE रिंग’ नहीं!”

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