पहलगाम की वादियों में सियासत की गूंज – उमर अब्दुल्लाह ने तोड़ी चुप्पी

हुसैन अफसर
हुसैन अफसर

मंगलवार को जम्मू-कश्मीर सरकार ने इतिहास रच दिया जब राज्य की कैबिनेट बैठक पहली बार श्रीनगर या जम्मू के बाहर आयोजित की गई — और वो भी सुरम्य पहलगाम में। इस बैठक का उद्देश्य न केवल सरकारी कामकाज को निपटाना था, बल्कि एक बड़ा राजनीतिक और भावनात्मक संदेश भी देना था।

बलिया में कच्चे तेल की खोज: यूपी बन सकता है भारत का अगला तेल हब!

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस में बताया कि राज्य सरकार ने पर्यटन स्थलों का सिक्योरिटी ऑडिट करने का निर्णय लिया है। यह कदम उस हालिया आतंकी हमले के बाद उठाया गया है जो 22 अप्रैल को पहलगाम के पास हुआ था।

पहलगाम में बैठक क्यों?

उमर अब्दुल्लाह ने स्पष्ट किया कि ये केवल एक सरकारी बैठक नहीं थी। यह एक प्रतीकात्मक पहल थी, जो यह दिखाने के लिए थी कि “हिंसा और खून-खराबे के बावजूद, जम्मू-कश्मीर में विकास, खुशहाली और जनप्रतिनिधित्व की प्रक्रिया नहीं रुकेगी।”

पहलगाम में यह बैठक करके सरकार ने न सिर्फ अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, बल्कि ये भी जताया कि आतंक का डर विकास को नहीं रोक सकता।

सुरक्षा और पर्यटन पर सरकार की नजर

इस बैठक में सबसे महत्वपूर्ण फैसला था — पर्यटन स्थलों का सुरक्षा ऑडिट। सरकार चाहती है कि पर्यटकों का भरोसा फिर से बहाल हो, और इसके लिए वो यह सुनिश्चित करना चाहती है कि सभी लोकप्रिय पर्यटन स्थल पूरी तरह सुरक्षित हों।

सिक्योरिटी ऑडिट के बाद ही इन स्थानों को फिर से खोला जाएगा ताकि पर्यटक बेझिझक आ सकें।

बहादुरी को सलाम: कश्मीरियों को सरकार का धन्यवाद

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने अपनी बात में खासतौर पर कश्मीर के आम लोगों, और विशेषकर पहलगाम के निवासियों की बहादुरी को सलाम किया। उन्होंने कहा, “22 अप्रैल के हमले के बाद जिस तरह पहलगाम के लोगों ने एकजुटता और साहस दिखाया, वह सराहनीय है।”

यह बैठक, उनके अनुसार, कश्मीरियों के साहस और दृढ़ता के लिए धन्यवाद ज्ञापन भी थी।

‘विकास की बैठक’ या ‘विकास का संदेश’?

पहलगाम में हुई जम्मू-कश्मीर कैबिनेट बैठक सिर्फ एक औपचारिकता नहीं थी, बल्कि यह एक राजनीतिक और सामाजिक संदेश था — कि कश्मीर आज भी आगे बढ़ने को तैयार है, चाहे हालात कैसे भी हों।

सरकार के इस कदम से पर्यटन को एक नई ऊर्जा मिल सकती है, और स्थानीय लोगों को भी यह भरोसा मिल सकता है कि विकास की प्रक्रिया उनके दरवाज़े तक पहुंचेगी।

पंचकूला में 7 लोगों की आत्महत्या की दर्दनाक दास्तान

Related posts