
थाईलैंड की प्रधानमंत्री पैतोंगटार्न शिनावात्रा इन दिनों चर्चा में हैं, लेकिन वजह कोई नई योजना या नीतिगत फैसला नहीं, बल्कि एक “लीक कॉल” है।
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जी हां, कंबोडिया के पूर्व नेता हुन सेन से “भाई-भतीजावाद वाली” टेलीफोन बातचीत वायरल हो गई। इस बातचीत में पीएम शिनावात्रा ने थाई सेना के कमांडर पर तगड़ी आलोचना कर डाली और हुन सेन को बड़ी आत्मीयता से “चाचा” कह दिया।
अब जनता पूछ रही है:
“चाचा से बात थी या सियासी मात?”
अदालत, अल्पमत और अपमान
इस कॉल के बाद सियासी बवंडर आ गया। गुस्साए विरोधियों ने अदालत में याचिका दायर की और संवैधानिक न्यायालय ने तुरंत निलंबन का फरमान सुना दिया।
मानो इतना ही काफी नहीं था, तो उनके गठबंधन सहयोगी भी साथ छोड़ गए — जिससे सरकार अल्पमत में आ गई। कह सकते हैं, कुर्सी की टांगें अब तीन नहीं, दो रह गई हैं!

सेना की नाराज़गी या सीधा सत्ता संघर्ष?
थाई सेना जो खुद राजनीति में हस्तक्षेप का पुराना इतिहास रखती है, इस बार भी आहत महसूस कर रही है।
शिनावात्रा ने जिस खुले अंदाज़ में कमांडर पर कटाक्ष किया, वह “गुप्त राजनयिक मर्यादा” की सभी सीमाएं लांघ गया — ऐसा सेना का मानना है।
चाचा से ‘चटनी’, चेलों से ‘चिंता’
हुन सेन से “चाचा” वाला लगाव शिनावात्रा के लिए भारी पड़ गया है। राजनीति में जहां एक ओर रिश्ते काम आते हैं, वहीं कभी-कभी ये रिश्ते “रिकॉर्डिंग” के साथ आपका करियर भी रिकॉर्ड में डाल सकते हैं।
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