मोदी जी पहुंचे काशी, बात छेड़ दी चोलों के 1000 साल पुराने मंदिर की

Saima Siddiqui
Saima Siddiqui

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने उत्तर प्रदेश दौरे के तहत शनिवार को वाराणसी का दौरा किया, जहां उन्होंने पीएम किसान योजना की 20वीं किस्त जारी की और लाखों किसानों के खातों में राहत की बारिश की। साथ ही उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का भी उल्लेख किया और तमिलनाडु के 1000 साल पुराने बृहदीश्वर मंदिर के अपने अनुभव को भी साझा किया।

अब प्रधानमंत्री के भाषण में अगर इतिहास की क्लास ना हो, तो मज़ा ही क्या!

राजा राजेंद्र चोल और बृहदीश्वर मंदिर का ‘गंगाजल कनेक्शन’

अपने संबोधन में मोदी जी ने कहा, “मैं कुछ दिन पहले तमिलनाडु के एक मंदिर में गया था। वह 1000 साल पुराना है, जिसे राजेंद्र चोल ने बनवाया था। उन्होंने उत्तर भारत से गंगाजल लाकर दक्षिण भारत को जोड़ा था।”

सही पकड़े हैं! प्रधानमंत्री ने जिस मंदिर की बात की वह है – गंगईकोंडा चोलपुरम का बृहदीश्वर मंदिर, जिसे राजा राजेंद्र चोल प्रथम (1014-1044 ई.) ने बनवाया था। उन्होंने गंगा नदी से पवित्र जल लाकर मंदिर के कुएं में डलवाया, ताकि उत्तर-दक्षिण का आध्यात्मिक मिलन हो सके।

इतिहास में बड़ा लेकिन Google Maps में छोटा?

बृहदीश्वर मंदिर को लोग अक्सर तंजावुर वाले प्रसिद्ध मंदिर से कन्फ्यूज़ कर देते हैं, लेकिन यह चोलों की दूसरी राजधानीगंगईकोंडा चोलपुरम में स्थित है।

मंदिर की खासियतें:

  • 13 फुट ऊंचा शिवलिंग

  • सुंदर नंदी मूर्ति

  • भव्य वास्तुकला

  • यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त विरासत स्थल

पीएम किसान योजना की 20वीं किश्त: किसानों को मिला डिजिटल प्रेमपत्र

वाराणसी से पीएम मोदी ने 20वीं किस्त के तहत 18 करोड़ किसानों को राहत दी। रिमोट दबाते ही लाखों खातों में पैसा और किसानों के चेहरे पर मुस्कान आई—हालांकि कुछ के मोबाइल नेटवर्क ने फिर भी पैसे की ‘प्राप्ति सूचना’ को रोक दिया।

सेना का शौर्य और मोदी का समर्थन

मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर का भी जिक्र किया, जिसमें भारतीय सेना की बहादुरी का उदाहरण दिया गया। उन्होंने कहा,

“हम न केवल आतंक से लड़ते हैं, बल्कि अपने इतिहास से भी जुड़ते हैं।”

यानी अगर किसी ने सोचा कि मोदी जी सिर्फ चुनावी भाषण देते हैं, तो ये भाषण इतिहास और भूगोल दोनों का मिक्स मसाला था।

जब इतिहास से जुड़ती है राजनीति, तो भाषण भी बनता है महाकाव्य

प्रधानमंत्री मोदी का ये दौरा केवल सरकारी योजनाओं तक सीमित नहीं था। यह संस्कृति, इतिहास, विकास और राष्ट्रवाद का कॉम्बो पैक था, जिसमें उत्तर-दक्षिण की एकता से लेकर किसानों की राहत तक सब कुछ था।

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