
हर साल की तरह इस बार भी लाल किला सज चुका होगा, तिरंगा फहराया जाएगा, और पूरा देश टीवी पर PM मोदी का भाषण सुन रहा होगा। लेकिन रुकिए!
इस बार भाषण का लेखक कौन होगा? जवाब है — आप! जी हां, इस स्वतंत्रता दिवस पर “मन की बात” आपकी बात से शुरू होगी।
पीएम मोदी ने किया जनता को आमंत्रित
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर लिखा:
“जैसे-जैसे हम स्वतंत्रता दिवस के करीब पहुंच रहे हैं, मैं अपने साथी भारतीयों से सुनने के लिए उत्सुक हूं…”
उन्होंने लोगों से पूछा कि क्या मुद्दे, विचार या संदेश इस बार के भाषण में शामिल होने चाहिए। एक तरह से कहें तो, अब भाषण सिर्फ पीएम का नहीं रहेगा — ये देश की लोकल टू ग्लोबल आवाज़ों का मंच बनने जा रहा है।
कैसे और कहां दें सकते हैं सुझाव?
प्रधानमंत्री ने अपने पोस्ट में MyGov पोर्टल और NaMo App के लिंक शेयर किए हैं। यहां जाकर कोई भी नागरिक 12 अगस्त तक अपना विचार दे सकता है।
लिंक शुरू: 30 जुलाई 2025
लिंक बंद: 12 अगस्त 2025
आपके सुझाव अगर भाषण में आए तो समझिए — “बोलने वाला पीएम, लेकिन शब्द आपके होंगे!”
पहले भी जनता की राय आई काम
यह पहली बार नहीं है जब मोदी सरकार जनता से सुझाव मांग रही है।
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“मन की बात” कार्यक्रम के लिए
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Union Budget से पहले
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और यहां तक कि G20 की थीम तक
लगता है अब देश “By the people” से “Written by the people” मोड में जा चुका है!
जनता के पास है क्या-क्या सुझाव देने का मौका?
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युवा शक्ति पर फोकस?
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AI और टेक्नोलॉजी में भारत की स्थिति?
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महिलाओं की भागीदारी और सुरक्षा
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नई शिक्षा नीति पर फीडबैक
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जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संरक्षण
और हां, कोई चाहे तो “टमाटर के रेट पर भी भाषण का सेक्शन मांग सकता है!” (सतर्क व्यंग्य)
12वीं बार लाल किले से मोदी की आवाज, लेकिन शब्द आपके!
यह लगातार 12वीं बार होगा जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले से देश को संबोधित करेंगे।
लेकिन पहली बार ऐसा मौका है जब जनता को सीधा ये कहा गया – “क्या आप हमारे भाषण सलाहकार बनना चाहेंगे?”
“भाषण अब पब्लिक प्रॉपर्टी है”
जो लोग अब तक भाषण सुनते थे, अब उन्हें लिखने का मौका मिल रहा है। आपका एक सुझाव, देश के सबसे बड़े मंच से गूंज सकता है।
तो अब आप तय करें — “बस श्रोता बनकर बैठना है या लेखक बनकर सुनना?”
क्या आप चाहते हैं मैं आपके लिए एक शानदार, 150 शब्दों का भाषण सुझाव भी तैयार करूं जिसे आप MyGov या NaMo App पर भेज सकें?
तो बस इतना कहिए — “हाँ, मुझे भी भाषण में अपनी आवाज़ चाहिए!”
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