
हिमाचल प्रदेश इस समय बाढ़, भारी बारिश और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहा है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को हिमाचल के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया और नुकसान का जायज़ा लिया।
PM मोदी ने न सिर्फ़ हालात को नज़दीक से देखा, बल्कि तुरंत 1500 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा कर दी।
बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे और ग्राउंड रिपोर्ट
प्रधानमंत्री ने सबसे पहले हेलिकॉप्टर से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों — खासकर कांगड़ा और आसपास के जिलों — का aerial survey किया।
उन्होंने बादल फटने से हुई तबाही देखी। भूस्खलन, टूटी सड़कें और ध्वस्त पुलों का मुआयना किया। इसके बाद कांगड़ा में एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक भी की गई, जिसमें राज्य और केंद्र के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
इस दौरे का मकसद सिर्फ़ राजनीतिक बयानबाज़ी नहीं, तुरंत राहत और पुनर्वास को लागू करना था।
1500 करोड़ रुपये की राहत राशि: किसके लिए क्या?
PMO द्वारा जारी जानकारी के मुताबिक राहत पैकेज के तहत कई अहम घोषणाएं की गईं:
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मृतकों के परिजनों को ₹2 लाख की अनुग्रह राशि
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गंभीर रूप से घायलों को ₹50,000
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प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की अगली किस्त एडवांस में
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प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पुनर्वास
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राष्ट्रीय राजमार्गों का पुनर्निर्माण और मरम्मत
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पशुधन सहायता के लिए मिनी किट्स
इस राहत पैकेज का उद्देश्य सिर्फ़ आर्थिक मदद नहीं, बल्कि लंबे समय तक स्थायी पुनर्विकास की नींव रखना है।
इन्फ्रास्ट्रक्चर पर विशेष फोकस
हिमाचल में बाढ़ से सबसे ज़्यादा नुकसान सड़कों और पुलों को हुआ है।

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NH-88, NH-20 जैसी मुख्य सड़कों पर भारी क्षति
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गांवों का संपर्क टूटा हुआ
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पर्यटन और ट्रांसपोर्ट पर सीधा असर
PM ने इस क्षेत्र में त्वरित मरम्मत कार्यों को प्राथमिकता देने की बात कही, ताकि जनजीवन फिर से पटरी पर लौट सके।
किसान और ग्रामीणों के लिए अलग से राहत
हिमाचल में बड़ी संख्या में लोग खेती और पशुपालन पर निर्भर हैं।
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बारिश और बाढ़ से खेतों में खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं
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पशुधन के लिए चारा और दवाएं भी उपलब्ध नहीं थीं
इसीलिए केंद्र सरकार ने:
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पशुधन किट्स
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किसान निधि एडवांस
जैसी राहतों की घोषणा की है ताकि गांवों में आर्थिक संकट से तुरंत राहत मिल सके।
राहत से उम्मीद की नई किरण
PM मोदी का दौरा न केवल प्रतीकात्मक था, बल्कि उस संवेदनशील नेतृत्व का उदाहरण है जो आपदा की घड़ी में ज़मीन पर उतरकर फैसले करता है।
1500 करोड़ का यह राहत पैकेज हिमाचल के लिए एक नया जीवनरेखा साबित हो सकता है।
यह दिखाता है कि “केंद्र और राज्य एक साथ आकर आपदा से निपट सकते हैं – बशर्ते इच्छा हो।”
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