पाकिस्तान बोला – गोल्ड ही गोल्ड होगा! जानिए ‘गोल्डन ड्रीम’ की पूरी कहानी!”

सैफी हुसैन
सैफी हुसैन, ट्रेड एनालिस्ट

पाकिस्तान एक बार फिर “खज़ाने की तलाश” में निकल पड़ा है। इस बार चर्चा है खैबर पख्तूनख्वा के तरबेला डैम की — जहां कथित तौर पर 636 अरब डॉलर मूल्य का सोना छिपा होने का दावा किया गया है!

दावा करने वाले हैं पाकिस्तान फेडरल चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FPCCI) के पूर्व वरिष्ठ उपाध्यक्ष हनीफ गौहर, जिन्होंने कहा कि — “तरबेला से लिए गए सैंपल्स में सोने के अंश मिले हैं, और अगर इसे निकाला जाए तो पाकिस्तान ‘अमीरों का पाकिस्तान’ बन सकता है।”

बस फिर क्या था — यह सुनते ही पाकिस्तानी सेना और अफसरों की बैठकें गोल्डन अलर्ट मोड में चली गईं।

“डैम है या ट्रेज़र हाउस?” – खुफिया मीटिंग्स शुरू

खबर है कि पाकिस्तानी सेना ने आपात बैठक बुलाई और “सैंपल्स की जांच” का आदेश दे दिया। वैसे पाकिस्तान के इतिहास में यह पहली बार नहीं हुआ — इससे पहले भी कई बार “सोने की खान” मिलने की बात आई, लेकिन अंत में निकलता है या तो Iron Ore या फिर Political PR.

तरबेला डैम – पाकिस्तान का ‘पावरहाउस’ और अब ‘गोल्डहाउस’?

दुनिया का सबसे बड़ा मिट्टी से बना बांध — तरबेला डैम — 1968 से 1976 के बीच बनाया गया था, और यह पाकिस्तान की कुल बिजली का लगभग 16% उत्पादन करता है। अब अगर इसके नीचे सच में सोना निकल आया, तो पाकिस्तान IMF के लोन की जगह “Gold Fund” से काम चला सकता है।

पहले भी आए ऐसे दावे – पर सच्चाई निकली फीकी

  • जनवरी 2025: पंजाब प्रांत के मंत्री ने 700 अरब रुपये की खान का दावा किया — अब तक कुछ नहीं मिला।
  • 2015: चिनयोट में “सोना” निकला, बाद में निकला लौह अयस्क (Iron Ore)
  • 2021: अटक जिले में खुदाई हुई, पर सोना नहीं मिला — बस मिट्टी और उम्मीदें मिलीं।

 यह ‘सोना’ नहीं, पब्लिक ओपिनियन का एंटी-डिप्रेसेंट है!

“हर बार जब पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था ICU में जाती है, तब सोने की खान का दावा Oxygen Cylinder की तरह आ जाता है।”

दरअसल, ऐसे दावे जनता की उम्मीदों को “रीचार्ज” करने का काम करते हैं। पर अगर वाकई सोना निकला तो यह पाकिस्तान की अब तक की सबसे बड़ी खनिज खोज हो सकती है।

वैज्ञानिक सर्वेक्षण शुरू – सच्चाई जल्द सामने

रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान सरकार और सेना ने वैज्ञानिक सर्वेक्षण और सैंपल टेस्टिंग शुरू कर दी है। आने वाले कुछ हफ्तों में पता चल जाएगा कि यह दावा “गोल्डन रियलिटी” है या “गोल्डन प्रोपेगेंडा”।

अगर पाकिस्तान को सच में इतना सोना मिल गया — तो IMF शायद “Congratulations!” का ईमेल भेजेगा!

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