
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री Sheikh Hasina को मौत की सज़ा सुनाए जाने पर पाकिस्तान ने साफ कहा है कि यह पूरी तरह Bangladesh का internal matter है। इस बयान ने South Asia की already गर्म राजनीति में एक और चम्मच मसाला डाल दिया है।
Pakistan का Official Stand
इस्लामाबाद में प्रेस कॉन्फ़्रेंस के दौरान पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ताहिर अंद्राबी ने कहा, “यह बांग्लादेश का आंतरिक मामला है। उनका अपना संविधान है, अपना क़ानून है… और अपने मसलों को हल करने की क्षमता भी।”
एक तरह से ये diplomatic version था— “Hum nahi pad rahe beech mein.”
Sheikh Hasina को मौत की सज़ा क्यों?
बांग्लादेश के International Crimes Tribunal ने इस हफ्ते Humanity के खिलाफ अपराध और निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी के आरोपों में Hasina को death sentence दी।
ये वही आंदोलन था जो जुलाई 2024 में सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ छात्रों से शुरू होकर nationwide anti-government wave बन गया था।

Hasina इस समय भारत में — राजनीतिक शरण या अस्थायी ठहराव?
Student आंदोलन के तेज़ होने और इस्तीफ़े की मांग बढ़ने पर Hasina देश छोड़कर भारत आ गईं, जहां वे अभी मौजूद हैं। South Asian politics में इसे लोग ऐसे देख रहे हैं जैसे “अपने ही घर में तूफ़ान, और पड़ोसी के घर में temporary peace.”
Bangladesh की राजनीति: अगले मोड़ पर क्या?
Pakistan ने तो हाथ खड़े कर दिए— पर Bangladesh में सज़ा, आंदोलन और सत्ता परिवर्तन का equation अभी भी add होता जा रहा है।
देश में लोकतांत्रिक और संवैधानिक प्रक्रिया का future अब जनता और अदालतों पर निर्भर है।
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