
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच एक सकारात्मक संकेत सामने आया है। पाकिस्तानी रेंजर्स ने बुधवार को 23 अप्रैल से हिरासत में लिए गए BSF जवान पूर्णम कुमार साव को भारत को सौंप दिया। यह हस्तांतरण अटारी बॉर्डर पर सुबह 10:30 बजे शांतिपूर्ण तरीके से और तय प्रोटोकॉल के तहत हुआ।
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क्या हुआ था 23 अप्रैल को?
23 अप्रैल 2025 को पंजाब के अटारी सेक्टर में तैनाती के दौरान BSF जवान पूर्णम कुमार साव गलती से अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर पाकिस्तान चला गया था, जहां उसे पाकिस्तानी रेंजर्स ने पकड़ लिया। तब से वह उनकी हिरासत में था।
शांतिपूर्ण वापसी का संदेश
BSF की ओर से जारी बयान में कहा गया है,
“आज बीएसएफ़ जवान पूर्णम कुमार, जो 23 अप्रैल 2025 से पाकिस्तान रेंजर्स की हिरासत में थे, को संयुक्त चेक पोस्ट अटारी, अमृतसर पर लगभग 10.30 बजे भारत को सौंप दिया गया। यह हस्तांतरण शांतिपूर्ण तरीके से और स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार किया गया।”
पृष्ठभूमि में गहराता तनाव
यह घटना ऐसे समय में हुई थी जब 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए चरमपंथी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच चुका था। इसके बाद 7 मई को भारत द्वारा पाकिस्तान पर एयरस्ट्राइक की गई, जिससे हालात और बिगड़ गए थे।
हालांकि 10 मई को दोनों देशों ने संघर्षविराम पर सहमति जताई थी, और अब बीएसएफ जवान की वापसी को दोनों देशों के बीच संवाद के एक सकारात्मक संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
BSF जवान पूर्णम कुमार की वापसी भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण माहौल के बीच एक राहत की खबर है। यह घटना बताती है कि भले ही दोनों देशों के बीच सैन्य और कूटनीतिक तनातनी हो, फिर भी मूलभूत मानवीय और सैनिक मर्यादाएं अब भी सम्मानित की जा रही हैं।
क्या यह वापसी दोनों देशों को फिर से बातचीत की मेज़ पर लाएगी? जवाब समय देगा।
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