महादेव का प्रहार! पहलगाम के गुनहगारों का सेना ने किया सफाया

साक्षी चतुर्वेदी
साक्षी चतुर्वेदी

जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर से आई इस सुबह की खबर ने पूरे देश में हलचल मचा दी है। हरवन इलाके के जवरवन- महादेव रिज क्षेत्र में सेना ने ऑपरेशन महादेव के तहत तीन आतंकियों को ढेर कर दिया है।

सूत्रों की मानें तो मारे गए आतंकियों में 22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड मूसा भी शामिल है। हालांकि सेना की आधिकारिक पुष्टि का अभी इंतजार है, लेकिन सूत्र जोर से कह रहे हैं — “मूसा अब म्यूट हो गया है!”

कैसे हुआ एनकाउंटर? सेना की गश्त और गोलियों की गूंज

सुबह करीब 11 बजे सेना की एक एरिया डोमिनेशन पार्टी जब नियमित गश्त पर थी, तभी तीन संदिग्ध आतंकी उनकी नजर में आए। सेना के जवानों ने मौके पर ही पोजिशन ली और बिना स्क्रिप्ट के ‘ऑपरेशन लाइव’ शुरू हो गया।

कुछ ही मिनटों में गोलियों की तड़तड़ाहट से पूरा इलाका गूंज उठा। मुठभेड़ के बाद सेना ने पूरे क्षेत्र को घेरकर सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है और संकेत मिल रहे हैं कि कोई भी आतंकी बच नहीं पाया

पूरा हुआ पहलगाम हमले का बदला?

22 अप्रैल को हुए पहलागाम हमले में टूरिस्टों पर नकली यूनिफॉर्म में आए आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग की थी।

  • हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई।

  • आतंकी वर्दी में थे, हथियारों से लैस थे और वारदात को अंजाम देकर फरार हो गए।

  • हमले के बाद 15 जगहों पर घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू हुआ।

सेना लगातार ऑपरेशन चला रही थी, और अब लगता है कि न्याय का हथौड़ा मूसा पर पड़ चुका है।

मूसा कौन था और इतना मायने क्यों रखता है?

बताया जा रहा है कि मूसा इस हमले का ब्रेन, मास्टरमाइंड और मोस्ट वांटेड था। वो वही था जिसने पहलगाम जैसे पर्यटन स्थल को खून से रंगने की साजिश रची थी। अब वो ‘शहीद’ नहीं, शांति में सड़ने के लिए ज़मीन के नीचे है।

सेना बोलेगी, मगर आतंक की जुबान अब बंद

सेना की तरफ से अभी आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन जानकार सूत्र बता रहे हैं कि “ये वही थे, जिन्हें ढूंढा जा रहा था। और अब ढूंढने की जरूरत नहीं रही।” अधिकारियों ने बताया कि ऑपरेशन का डिटेल्ड ब्रीफिंग कुछ ही घंटों में होगा।

आतंकियों की अगली मीटिंग अब यमलोक में!

जिस मूसा ने सोचा था कि वह सेना को चकमा देकर फिर से फायरिंग प्लान बनाएगा, वो अब ‘महादेव’ के सामने रिपोर्ट देने चला गया है।
बाकी बचे आतंकियों के लिए यह “Warning Shot नहीं, Final Notice” है।

“भारत की सेना जब बदला लेती है, तो नक्शा नहीं बदलता — नक्शे से नाम मिट जाते हैं।”

ऑपरेशन महादेव – आतंक को मिला अंत, अमन को नई शुरुआत

इस ऑपरेशन ने न केवल पहलगाम हमले के गुनहगारों को सजा दी, बल्कि एक सख्त संदेश भी दिया — भारत अब सहन नहीं करता।
हर आतंकी को अब ये समझ लेना चाहिए कि “आप चाहे जितनी पहाड़ियां चढ़ लें, सेना एक ही बुलंद जवाब देती है — ऑपरेशन महादेव।”

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