
मध्य प्रदेश की डॉ. मोहन यादव सरकार ने राज्य के साढ़े सात लाख से अधिक शासकीय कर्मचारियों और उनके आश्रितों के लिए एक अहम कदम उठाया है। अब ये कर्मचारी और उनके परिजन प्रदेश के 55 निजी अस्पतालों में रियायती दरों पर इलाज करवा सकेंगे। ये सुविधा CGHS भोपाल द्वारा निर्धारित पैकेज दरों पर उपलब्ध होगी।
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योजना का फायदा?
अब शासकीय कर्मचारियों को इलाज के लिए अपनी जेब से भारी भरकम रकम खर्च नहीं करनी पड़ेगी। सरकार ने राज्य के विभिन्न जिलों में मौजूद 55 प्राइवेट अस्पतालों को इम्पेनल्ड किया है, जहां हर प्रकार की बीमारी का इलाज आधुनिक तकनीक से संभव होगा।
क्या-क्या शामिल है CGHS भोपाल के पैकेज में?
CGHS द्वारा बनाए गए इस इलाज पैकेज में 17 तरह की फीस शामिल हैं, जैसे:
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रजिस्ट्रेशन व एडमिशन शुल्क
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भर्ती और मरीज का भोजन
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ऑपरेशन थियेटर चार्ज
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डॉक्टर की फीस और सर्जन चार्ज
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दवाएं और इंजेक्शन
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एनेस्थीसिया, फिजियोथेरेपी और नर्सिंग
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सर्जिकल डिस्पोजेबल्स और जांच शुल्क
अस्पताल को किसी भी हालत में इन दरों से अधिक शुल्क नहीं लेने की स्पष्ट चेतावनी दी गई है।
लापरवाही पर इम्पेनल्ड सूची से बाहर
राज्य सरकार ने यह भी साफ कर दिया है कि:
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यदि कोई अस्पताल निर्धारित दरों से अधिक शुल्क वसूलता है
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मरीज को दवाएं या उपकरण बाहर से लाने को कहता है
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या स्वास्थ्य सेवाओं में अनियमितता पाई जाती है,
तो बिना किसी पूर्व सूचना के उस अस्पताल की अधिमान्यता रद्द कर दी जाएगी।
कर्मचारियों को क्या करना होगा?
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संबंधित अस्पताल में CGHS पैकेज की पुष्टि करें
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इलाज की जानकारी विभाग को समय से भेजें
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किसी भी गड़बड़ी की सूचना संबंधित अधिकारी को दें
मध्य प्रदेश सरकार की यह योजना न सिर्फ सरकारी कर्मचारियों को वित्तीय राहत देगी, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं को भी और अधिक सुलभ बनाएगी। यह कदम प्रदेश की स्वास्थ्य नीति में एक सकारात्मक बदलाव का संकेत है।
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