“अब मोहब्बत एकतरफा ना होई! ओवैसी बोले – हमरो दिल टुटेला, गठबंधन वाला!”

साक्षी चतुर्वेदी
साक्षी चतुर्वेदी

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के माहौल में असदुद्दीन ओवैसी ने महागठबंधन पर सीधा प्रहार कर दिया है।
AIMIM प्रमुख ने एक टीवी चैनल पर दिए इंटरव्यू में साफ कहा:

“अब एकतरफा मोहब्बत नहीं चलेगी… हम बार-बार दरवाज़ा खटखटाते रहे, लेकिन जवाब में मिली चुप्पी और आरोप!”

अब ओवैसी तीसरा मोर्चा बनाने की तैयारी में हैं — और इरादा है सीमांचल में RJD और कांग्रेस के गढ़ को झकझोरने का।

गठबंधन ना हुआ, तो अब मुकाबला होगा

ओवैसी का कहना है कि उनकी पार्टी ने बार-बार BJP को हराने के लिए गठबंधन का प्रस्ताव रखा, लेकिन RJD और कांग्रेस ने ‘BJP की B-टीम’ कहकर उन्हें हाशिये पर रखा।

अब ओवैसी की रणनीति साफ है —

“तू हमके वोट कटवा कह, हम तोहर गढ़ में सेंध लगाइब!”

2020 में AIMIM ने सीमांचल में 5 सीटें जीती थीं, लेकिन 4 विधायक RJD में चले गए। इस बार ओवैसी वही गलती दोहराना नहीं चाहते।

तीसरा मोर्चा: सीमांचल में नई सियासी लकीर

अख्तरुल ईमान के नेतृत्व में AIMIM अब सीमांचल समेत अन्य मुस्लिम बहुल इलाकों में तीसरा मोर्चा तैयार कर रही है।
सूत्रों की मानें तो कुछ छोटे दलों से भी बातचीत चल रही है — मतलब, अब खेल दिलचस्प हो चुका है।

“RJD के बग़ल में बैठे रहब त ठंडा पड़ी… बाकिर मैदान में उतरब त गरमी बढ़ी!”

सियासी गणित: वोट कटेगा या बात बनेगी?

2020 में AIMIM ने सीमांचल की 20 सीटों पर करीब 14.28% वोट हासिल किए थे।
अगर 2025 में ओवैसी फिर से सक्रिय होते हैं, तो MY (मुस्लिम-यादव) समीकरण में ‘M’ की दिशा बदल सकती है।

RJD और कांग्रेस की चिंता बढ़ना लाजिमी है, क्योंकि

जितना वोट बंटेगा, उतना NDA के खाते में मुस्कान बढ़ेगी।

“अरे भैया, ओवैसी अब दिल तोड़लें, गठबंधन के दरवाजा पर घंटी बजाय-बजाय थाक गइलें। अब कहत बाड़ें – हमरो मोहब्बत के कदर नाही भईल, त अब ईवीएम में सियासत के ईंट गढ़ब!”

ओवैसी का तीसरा मोर्चा, भले ही खुद को मजबूत करने की रणनीति हो, लेकिन इसका सीधा असर महागठबंधन पर पड़ेगा
अगर सीमांचल में AIMIM ने मुस्लिम वोटों को खींच लिया, तो RJD का किला दरक सकता है।

सियासत में दोस्ती जबरन नहीं होती, और मोहब्बत अगर एकतरफा हो, तो चुनावी नतीजे भी चौंकाते हैं।

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