मिजोरम में हर पांचवां पुरुष कैंसर का शिकार? पढ़िए चौंकाने वाला अध्ययन!

Lee Chang (North East Expert)
Lee Chang (North East Expert)

पहले लोग कहते थे कि कैंसर अमीरों की बीमारी है, क्योंकि सिर्फ वही जांच और इलाज करवा सकते हैं। लेकिन आज हालात ये हैं कि गरीब, अमीर, शहरी, ग्रामीण, पहाड़ी और मैदानी — सब बराबरी से चपेट में हैं। हाल ही में आए एक अध्ययन ने साफ कर दिया है कि भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में कैंसर की दर बाक़ी राज्यों से कहीं ज़्यादा है।

और सबसे चौंकाने वाली बात? मिजोरम में हर 5 में से 1 पुरुष को जीवन में कैंसर होने की संभावना है।
मतलब अब “Cancer is rare” कहना खुद में मज़ाक है।

आंकड़ों ने देश को हिला दिया

2015 से 2019 के बीच की स्टडी में 43 पॉपुलेशन-बेस्ड कैंसर रजिस्ट्रीज़ (PBCRs) के आंकड़ों का विश्लेषण हुआ।
रिजल्ट देखिए —

7.08 लाख नए कैंसर केस

2.06 लाख मौतें

महिलाओं में मामले ज़्यादा, लेकिन पुरुषों में मौतें ज़्यादा, अब भाई, ये कोई IPL स्कोर नहीं है जो हम ignore कर दें। ये हमारे देश की health scoreboard है — और हम लगातार हार रहे हैं।

मिजोरम और आइजोल: कैंसर का नया हॉटस्पॉट?

मिजोरम के पुरुषों में कैंसर का 21.1% Lifetime Risk, यानी 5 में से 1 को पक्का खतरा। महिलाएं भी पीछे नहीं — 18.9% खतरा, जो कि राष्ट्रीय औसत (11%) से बहुत ऊपर है।

आइजोल, पापुमपारे, कामरूप शहरी, और ईस्ट खासी हिल्स जैसे इलाके cancer maps में लाल रंग से चमक रहे हैं। शायद अगली बार जब कोई कहे “चलो नॉर्थ ईस्ट घूमने”, तो जवाब हो — “भाई पहले अपना फुल बॉडी चेकअप करवा लो।”

कौन से कैंसर, किसको ज़्यादा?

पुरुषों में:

मुँह का कैंसर (Thook में cancer घोलने वाली गुटखा संस्कृति)

फेफड़ों का कैंसर (सांस लेना अब luxury बन चुका है)

प्रोस्टेट कैंसर (Silent लेकिन घातक)

महिलाओं में:

स्तन कैंसर (जांच का अभाव, शर्म का ज़हर)

गर्भाशय ग्रीवा कैंसर (HPV वैक्सीन अभी भी luxury है)

ओवरी कैंसर (Late detection = Late regret)

और दिल्ली में?
भाई साहब, यहां तो पुरुषों की कैंसर दर पूरे देश में सबसे ऊपर है।
मतलब “Dilwalon ki Dilli” अब “Diagnosis ki Dilli” बनती जा रही है।

आखिर कैंसर Northeast में क्यों ज़्यादा?

1. Lifestyle: क्योंकि तंबाकू तो शान है!

यहां तंबाकू और शराब का सेवन इतना सामान्य है जैसे चाय और समोसा। कुछ लोग तो इतने habitual हैं कि डॉक्टर भी prescription में लिखते होंगे – “तंबाकू कम करें… वरना RIP Confirm है”

2. हेल्थकेयर की पहुंच = पहाड़ चढ़ने जितनी मुश्किल

अक्सर छोटे कस्बों और दूरदराज़ गांवों में एक सादा बुखार भी Emergency बन जाता है, तो कैंसर की early detection तो बस सपना है।

3. Awareness? वो क्या होता है?

महिलाएं लक्षणों को ignore करती हैं क्योंकि “थकावट है”, पुरुष कहते हैं – “अरे कोई बात नहीं, गले में बस खराश है” — और तब तक पता चलता है जब Stage 4 आ चुका होता है।

तो फिर समाधान क्या है? Superhero नहीं, Sensible बनिए

30 की उम्र के बाद Regular Screening कराइए।

तंबाकू और शराब छोड़िए – Seriously, कोई swag नहीं है इसमें।

Breast self-exam, Pap Smear, और HPV वैक्सीन को Google पे पढ़ने के बजाय Hospital में करवाइए।

सरकारी स्कीम्स और कैंप्स का सही इस्तेमाल कीजिए — ये Free है, फ्रॉड नहीं।

 “जो तंबाकू खाकर जीने की जिद करते हैं, वो अकसर जल्दी स्वर्ग पहुंच जाते हैं – VIP entry के साथ।”

“Indian Health Budget: ₹8 के Aspirin से ₹8 लाख के कैंसर तक का सफर मात्र एक इग्नोर किए गए लक्षण में छिपा है।”

“हमारी लाइफस्टाइल ऐसी है कि शरीर चीख-चीख कर कह रहा है — ‘भाई बस कर, अब नहीं सहा जाता!’

“Early Detection is Sexy – Believe It!”

अब Cancer पर बात करना taboo नहीं, ज़रूरत है। अगर Northeast India जैसी सुंदर और शांत जगहों पर भी Cancer इतना हावी हो सकता है, तो समझ लीजिए – ये बीमारी अब address देखकर नहीं आती।

तो अगली बार कोई कहे,“क्या हाल है?”
तो जवाब देना —“Body तो ठीक है, बस Yearly Checkup नहीं कराया… अभी तक!”

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