
संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक हाई-वोल्टेज पॉलिटिकल ड्रामा तब देखने को मिला जब इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू जैसे ही मंच पर पहुंचे, कई देशों के प्रतिनिधियों ने अपना सामान उठाया और ‘चुपचाप’ हॉल से बाहर निकल लिए।
लेकिन मामला यहीं नहीं थमा… ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली खामेनेई ने मौका देखा और एक ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पोस्ट से ज़ोरदार तीर चलाया।
उन्होंने लिखा:
“आज दुनिया में ज़ायनिस्ट शासन को सबसे ज़्यादा नफ़रत किया जाने वाला और अकेला पड़ चुका शासन माना जाता है।”
इसके साथ उन्होंने नेतन्याहू के भाषण की एक तस्वीर भी शेयर की जिसमें UNGA की कुर्सियां ज्यादा और लोग कम दिखाई दिए।
कुर्सियां खाली, पर बालकनी वाली जनता तैयार थी तालियों के लिए!
हालांकि ग्राउंड फ्लोर पर कुर्सियां खाली थीं, लेकिन ऊपर बालकनी में बैठे कई लोगों ने खड़े होकर तालियां बजाईं। अब ये लोग समर्थक थे या सिर्फ UN में बोर हो रहे टूरिस्ट, ये जांच का विषय है।
फिलिस्तीन को मान्यता और नेतन्याहू की नाराज़गी
ब्रिटेन, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और पुर्तगाल जैसे देशों ने हाल ही में फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र राष्ट्र की मान्यता दी है।
नेतन्याहू ने इस पर UNGA में कहा:
“ये सरासर पागलपन (utter madness) है… और शर्मनाक भी!”
उनका कहना है कि इससे “शांति प्रक्रिया को चोट पहुंचेगी”, हालांकि फिलहाल तो शांति प्रक्रिया ICU में ही दिख रही है।
ट्रंप का ट्विस्ट: “वेस्ट बैंक कब्ज़ा मत करना!”
इस सबके बीच अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी बयान दिया:
“हम इसराइल को वेस्ट बैंक पर पूरा कंट्रोल नहीं लेने देंगे।”
मतलब, नेतन्याहू अगर आगे बढ़ते हैं, तो सिर्फ UN से नहीं, व्हाइट हाउस से भी टकराव तय है।
नेतन्याहू का भाषण ‘हॉल फुल ऑफ खालीपन’ बन गया!
UNGA का ये सत्र पॉलिटिक्स से ज़्यादा प्रोटेस्ट और प्रतीकों का शो बन गया। खामेनेई की पोस्ट ने आग में घी डाला, और नेतन्याहू का भाषण अब सोशल मीडिया मीम में बदल चुका है।