
नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के भक्तपुर स्थित निजी आवास में आगजनी के बाद, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में प्रदर्शनकारी नाचते-गाते हुए जश्न मना रहे हैं। यह सब कुछ तब हुआ जब सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोपों के खिलाफ देशभर में Gen-Z युवा सड़क पर उतर आए।
काठमांडू में सेना का एक्शन, मंत्रियों को निकाला गया
काठमांडू के Bhaisepati क्षेत्र में जब मंत्री आवासों पर हमला शुरू हुआ, तब सेना ने मोर्चा संभालते हुए हेलिकॉप्टर के जरिए मंत्रियों और अधिकारियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।
अब पूरे संसद भवन, राष्ट्रपति निवास और अन्य VIP इलाकों में आर्मी की भारी तैनाती कर दी गई है।
राष्ट्रपति भवन और सुप्रीम कोर्ट भी नहीं बचे
भीड़ ने राष्ट्रपति भवन में घुसकर आगजनी और तोड़फोड़ की। इसके तुरंत बाद खबर आई कि नेपाल सुप्रीम कोर्ट की बिल्डिंग भी आग के हवाले कर दी गई है।
इतिहास में पहली बार, तीनों पिलर ऑफ डेमोक्रेसी – न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका – सब पर हमला हुआ है।
19 मौतें, 200+ घायल – हिंसा की भयावह तस्वीर
अब तक प्रदर्शन के दौरान 19 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 200 से ज्यादा घायल हैं।
सरकार ने इंटरनेट बैन और कर्फ्यू हटाने का ऐलान तो कर दिया, लेकिन प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांग – प्रधानमंत्री का इस्तीफा – अब भी बनी हुई थी।

ओली और राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने दिया इस्तीफा
तेज होती हिंसा और जनता के बढ़ते दबाव के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल दोनों ने आज दोपहर इस्तीफा दे दिया। यह नेपाल के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा जनआंदोलन माना जा रहा है।
Gen-Z लहर: क्या ये सिर्फ नेपाल की बात है?
इस पूरे आंदोलन की कमान Gen-Z (1997-2012 के बीच जन्मे युवा) के हाथ में है। उनके गुस्से की वजह है भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, और राजनीतिक जवाबदेही की कमी।
विशेषज्ञ इसे “Asian Arab Spring 2.0” कह रहे हैं — यानी एक नई क्रांति, जो युवाओं की डिजिटल ताकत से संचालित हो रही है।
नेपाल का यह जनआंदोलन सिर्फ सत्ता परिवर्तन नहीं, बल्कि एक सोशल-पॉलिटिकल शिफ्ट की निशानी है। इसने दिखा दिया कि Gen-Z अब सिर्फ सोशल मीडिया तक सीमित नहीं है, बल्कि वे बदलाव की राह खुद चुन रहे हैं।
South Asia में आंदोलन का Copy-Paste पैटर्न! कहीं कुछ गड़बड़ तो नहीं?