“225 सीटें फिर से नीतीश” की एनडीए रणनीति में दिखी जमीनी पकड़

अजमल शाह
अजमल शाह

बिहार में भले ही अभी चुनाव की तारीखें तय न हुई हों, लेकिन एनडीए ने जैसे AI से भविष्य देख लिया हो—”2025 में 225″ का नारा पहले ही सेट कर दिया है। अब देखना यह है कि यह भविष्यवाणी हकीकत में बदलती है या फिर किसी ओटीटी सीरीज़ का ट्रेलर भर बनकर रह जाती है।

14 टीमें, 243 सीटें, एक ही टारगेट – नीतीश वापस

राजनीतिक रिएलिटी शो के इस नए सीज़न में एनडीए का स्क्रिप्ट राइटर बदल गया हो या न हो, हीरो वही पुराना – नीतीश कुमार हैं।
243 विधानसभाओं में कार्यकर्ता सम्मेलन की इस मेगा सीरीज में 14 अलग-अलग टीमों को भेजा गया है — कोई नेता छुट्टी न ले, इसलिए ड्यूटी फुल फोर्स में बंटी है।

“हर दिन 14 सम्मेलन! बिहार में नेताओं का वर्क फ्रॉम होम अब बैन हो चुका है।”

बूथ स्तर से बुलेट तक – ज़मीन पर रणनीति

एनडीए की यह रणनीति बताती है कि अब वे सिर्फ ट्विटर ट्रेंड और टीवी डिबेट से काम नहीं चलाने वाले। “बूथ जीतो, बिहार जीतो” की नीति में थक चुके नेता भी अब एनर्जी ड्रिंक पीकर मैदान में उतारे जा रहे हैं।
नीतीश जी को फिर से चमकाने की कोशिश है कि जनता उन्हें “थका हुआ सीएम” नहीं, बल्कि “बिजली से भी तेज़ विकासपुरुष” माने।

महागठबंधन के लिए संदेश: अभी हम जिंदा हैं!

इस बार प्रेस कॉन्फ्रेंस में पांचों दलों के प्रदेश अध्यक्ष एक ही मंच पर दिखे।

“ऐसा नज़ारा तो IPL की टीमों में भी नहीं दिखता!”

जेडीयू, बीजेपी, लोजपा (रामविलास), हम, रालोमो—सभी एक सुर में बोले: “नीतीश ही विकल्प हैं, विपक्ष नहीं।”
मतलब विपक्ष अगर सपने देख रहा है, तो एनडीए ने तो पूरे बिहार में बिस्तर ही बिछा दिया है!

नीतीश के लिए रिचार्ज प्लान

नीतीश कुमार की छवि पर विपक्ष ने “लो बैटरी” का स्टिकर चिपका दिया था। अब एनडीए के यह सम्मेलन “फुल चार्जिंग स्टेशन” बनकर उनके नेतृत्व को फिर से प्रोजेक्ट करने की कोशिश हैं।

याद दिलाया जा रहा है कि नीतीश वही हैं जिन्होंने शराबबंदी करवाई, साइकिलें बंटवाई और 2020 में फिर से वापसी की—बस थकावट थोड़ी ज़्यादा थी!

राजनीति का रियालिटी शो शुरू – popcorn तैयार रखिए

इस पूरे चुनावी ट्रेलर से दो बातें साफ हैं:

  1. एनडीए अब चुनाव मोड में है, और नेताओं की नींद उड़ चुकी है।

  2. नीतीश कुमार ही NDflix की स्टार कास्ट में बने रहेंगे।

चुनाव जीतने के लिए एनडीए कार्यकर्ता सम्मेलन कर रही है, और विपक्ष शायद अभी तक व्हाट्सएप ग्रुप बना रहा है।

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