जिन्ना तो ट्रिगर थे, कांग्रेस और माउंटबेटन थे डिलीवरी बॉय?

साक्षी चतुर्वेदी
साक्षी चतुर्वेदी

NCERT ने 16 अगस्त को जारी किए गए नए मॉड्यूल में इतिहास को नए “syllabus” में डाल दिया है। अब तक केवल मोहम्मद अली जिन्ना को भारत के विभाजन का विलेन बताया जाता था, लेकिन नए मॉड्यूल ने ‘कंटेंट अपडेट’ करते हुए कांग्रेस और लार्ड माउंटबेटन को भी स्क्रिप्ट में घुसा दिया है।

अब स्क्रिप्ट कुछ यूं है:

  • जिन्ना: “डिमांडर इन चीफ”

  • कांग्रेस: “डील साइनर”

  • माउंटबेटन: “ऑर्डर एक्सीक्यूटर”

NCERT मोड में कह रहा है:

“जिन्ना ने मांग की, कांग्रेस ने मानी, माउंटबेटन ने अमल किया।”

कांग्रेस का जवाब: “इतिहास में कॉपी पेस्ट चल रहा है!”

कांग्रेस ने NCERT के इस नए “अपडेटेड हिस्ट्री पैच” पर कड़ी आपत्ति जताई है।
पवन खेड़ा ने कहा, “ये सिलेबस नहीं, सियासी स्टंट है! 1942 में हिंदू महासभा और मुस्लिम लीग साथ में सरकार बना रहे थे, ये क्यों नहीं लिखा?”

उन्होंने कहा कि अगर ‘वास्तविक विलेन’ दिखाना है तो:

  • हिंदू महासभा की 1938 की ‘हिंदू-मुस्लिम साथ नहीं रह सकते’ वाली थ्योरी क्यों गायब है?

  • मुस्लिम लीग और महासभा की जुगलबंदी कौन बताएगा?

खेड़ा बोले:

“इस मॉड्यूल को आग लगाइए, ये सच नहीं, स्क्रिप्टेड हिस्ट्री है।”

1938 से 1947: “महासभा बोले, लीग बोले, कांग्रेस बोले – और NCERT ने Final Draft बना दिया!”

कुछ भूले-बिसरे ‘डायलॉग्स’:

1938, साबरमती: हिंदू महासभा ने कहा – “Hindus & Muslims अलग-अलग राष्ट्र हैं।”
1940, लाहौर प्रस्ताव: मुस्लिम लीग ने कहा – “Partition चाहिए।”
1942: दोनों मिलकर सरकार बना रहे थे – “स्वराज छोड़ो, सत्ता पकड़ों!”

अब 2025 में NCERT कह रहा है:

“सबकी गलती थी, पर टाइमिंग जिन्ना की सही थी।”

NCERT Vs Congress: क्लासरूम में अब डिबेट नहीं, राजनीतिक WWE है!

कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने तो NCERT को ऑन रिकॉर्ड डिबेट की चुनौती दे डाली! बोले:

“आपके पास NCERT है, हमारे पास फैक्ट्स! चलिए बहस करते हैं।”

“इतिहास अब UPSC नहीं, चुनाव के लिए पढ़ाया जा रहा है?”

अगर NCERT के हिसाब से इतिहास लिखा जाए, तो:

MCQ आएगा:
भारत विभाजन के Delivery Partner कौन थे?
a) Amazon
b) जिन्ना + कांग्रेस + माउंटबेटन 
c) Bapu & Bose
d) ऊपर वाले की मर्जी

इतिहास की किताबों में अब Past Perfect नहीं, Present Political Tense चल रहा है! कौन सही, कौन गलत – ये अब छात्र तय नहीं करेंगे, वोटर करेंगे।

यहाँ न हिन्दू हैं, न मुस्लमान! यहाँ इंसान है – ये बहराइच है- जानिए पूरा मामला

Related posts

Leave a Comment