
इस वर्ष शारदीय नवरात्रि की नवमी तिथि 1 अक्टूबर 2025, बुधवार को पड़ रही है। यह दिन मां दुर्गा के नवें स्वरूप “मां सिद्धिदात्री” को समर्पित होता है, जो भक्तों को आठों सिद्धियों (अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्रकाम्य, ईशित्व, वशित्व) का वरदान देती हैं।
कौन हैं मां सिद्धिदात्री?
मार्केण्डेय पुराण और देवी भागवत के अनुसार, मां सिद्धिदात्री ही वह देवी हैं जिनकी कृपा से भगवान शिव ने भी सिद्धियों को प्राप्त कर अर्द्धनारीश्वर रूप धारण किया था। मां सिद्धिदात्री की पूजा से:
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कठिन कार्य भी सरल हो जाते हैं
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आत्मिक शांति और मानसिक शक्ति मिलती है
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आध्यात्मिक साधना में सफलता मिलती है
नवमी का शुभ रंग – लाल और नारंगी
नवरात्रि के नवें दिन का शुभ रंग लाल और नारंगी है, जो शक्ति, सफलता और ऊर्जा का प्रतीक है। इस दिन इन रंगों के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है।
मां सिद्धिदात्री की पूजा विधि (Puja Vidhi)
शुभ मुहूर्त (1 अक्टूबर 2025):
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सुबह पूजा: 6:00 AM – 10:00 AM
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मध्याह्न पूजा: 12:00 PM – 3:00 PM
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शाम की आरती: 6:30 PM – 8:00 PM
पूजा में करें यह अर्पण:
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नारियल पानी (कांसे के पात्र में)
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शहद (तांबे के पात्र में)
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गन्ने का रस
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फल और हलवा-पूरी
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कद्दू की बलि (कालिका पुराण के अनुसार प्रतीक रूप में)
नवमी विशेष मंत्र (21 बार जप करें):
यह मंत्र मां सिद्धिदात्री की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत प्रभावी माना गया है।

मां सिद्धिदात्री की आरती
जय सिद्धिदात्री मां, तू सिद्धि की दाता।
तू भक्तों की रक्षक, तू दासों की माता।
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सर्व सिद्धि दाती वह है भाग्यशाली।
जो है तेरे दर का ही अम्बे सवाली।
पूर्ण आरती देवी की उपासना को सम्पूर्णता प्रदान करती है और भक्तों को आत्मिक शांति का अनुभव कराती है।
भोग में क्या चढ़ाएं?
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नारियल पानी
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शहद
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गन्ने का रस
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हलवा-पूरी
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कद्दू (प्रतीकात्मक बलि)
इन भोगों का विशेष महत्व है और मां को अत्यंत प्रिय हैं।
नवमी का महत्व – क्यों करें सिद्धिदात्री की पूजा?
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सिद्धियों की प्राप्ति
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साधना में सफलता
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आत्मिक और भौतिक जीवन में उन्नति
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परिवारिक सुख-शांति
मां सिद्धिदात्री को सर्व सिद्धि प्रदायिनी कहा गया है, अतः नवमी के दिन इनकी पूजा अवश्य करें।
1 अक्टूबर 2025, नवमी तिथि का दिन मां सिद्धिदात्री की भक्ति और सिद्धियों की प्राप्ति के लिए अत्यंत शुभ है। यदि आपने पूरे नवरात्रि व्रत किया है या केवल नवमी को पूजा करना चाहते हैं, तो यह दिन आपकी सभी साधनाओं को सार्थक कर सकता है।