
नागालैंड के जुन्हेबोटो जिले में झेकीये और सताखा के बीच NH-702A लगातार भूस्खलन के कारण 13 सितंबर से बंद पड़ा है।
राज्य के लोक निर्माण विभाग (PWD) की टीमें दिन-रात मलबा हटाने में लगी हैं, लेकिन बारिश के चलते बार-बार नए भूस्खलन काम में अड़चन डाल रहे हैं।
चार दिन से रास्ता बंद, हजारों लोग प्रभावित
राजमार्ग के अवरुद्ध होने से यात्री फंसे हुए हैं। व्यापार ठप है, दैनिक सप्लाई पर भी असर पड़ा है। अब तक कोई स्पष्ट समय-सीमा नहीं दी गई है कि सड़क कब तक पूरी तरह से खुलेगी।
प्रशासन ने यात्रा परामर्श जारी किया
सताखा के ADC (अतिरिक्त उपायुक्त) चुमलामो हम्त्सो ने एक आधिकारिक Travel Advisory जारी करते हुए कहा:
“जब तक मलबा हटाने का काम पूरा नहीं होता, तब तक इस मार्ग पर वाहनों की आवाजाही पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेगी।”
वैकल्पिक मार्ग: लंबा और जोखिम भरा
यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे सताखा-सप्तिका-घुकिये-जुन्हेबोटो मार्ग का प्रयोग करें। लेकिन लांकी नदी के पास का हिस्सा फिसलन भरा है। ड्राइवरों को अत्यधिक सावधानी बरतने की चेतावनी दी गई है।
बारिश बनी चुनौती, PWD की टीम संघर्ष में
लगातार बारिश ने मलबा हटाने में बाधा डाली है। PWD टीमों के लिए सुरक्षा जोखिम बढ़ाया है। स्थानीय प्रशासन के सामने लॉजिस्टिक चुनौती खड़ी कर दी है। PWD को अब सुरक्षा और पुनर्संपर्क – दोनों के बीच संतुलन बनाना पड़ रहा है।

व्यवसाय और रोज़मर्रा की ज़िंदगी पर असर
स्थानीय दुकानदार और ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर सबसे ज़्यादा प्रभावित, NH-702A पर निर्भर लोग अब आपूर्ति संकट और लंबे रूट्स से परेशान हैं और मॉनसून थमने के कोई संकेत नहीं मिल रहे हैं।
क्या यह सिर्फ मौसम की मार है या इंफ्रास्ट्रक्चर की कमज़ोरी?
इस घटना ने एक बार फिर सवाल खड़े किए हैं:
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क्या उत्तर-पूर्व भारत में सड़क निर्माण जलवायु के अनुसार हो रहा है?
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क्या भविष्य में ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए बेहतर योजना की ज़रूरत है?
“पढ़ाने नहीं, सड़कों पर! RMSA-2016 शिक्षक बोले – अब और नहीं सहेंगे अन्याय”
