
संसद के मानसून सत्र में सोमवार का दिन सिंदूर से नहीं, ‘सिंदूरी लहजे’ से रंगा हुआ था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में खुलासा किया कि 9 मई को जब भारत ने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया, उसी दौरान अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस का कॉल आया था।
मोदी ने बताया:
“मैं मीटिंग में था, वेंस ने घंटाभर ट्राय किया। फिर मैंने कॉल बैक किया तो उन्होंने कहा—पाकिस्तान बड़ा हमला करने वाला है!”
और फिर जो मोदी ने जवाब दिया, वो सीधे “मोदी स्टाइल डिप्लोमेसी – लेवल 3000” था।
मोदी का जवाब: “गोली का जवाब गोले से देंगे!”
यह कोई चुनावी रैली नहीं, बल्कि संसद के पटल पर सीधे राष्ट्रों को दी गई चेतावनी थी।
“अगर पाकिस्तान हमला करेगा, तो हम बड़ा हमला करके जवाब देंगे। गोली का जवाब गोले से दिया जाएगा।”
इतना सटीक डायलॉग था कि विपक्ष भी तालियां बजाते पकड़ा गया… कैमरे नहीं दिखा पाए बस।
अमेरिका भी टेंशन में, पाकिस्तान तो और भी ज़्यादा
अमेरिका की चिंता समझ आती है। JD वेंस का कॉल बताता है कि वॉशिंगटन को पहले ही खुफिया संकेत मिल चुके थे कि पाकिस्तान कुछ ‘कर गुजरने की तैयारी’ में है।
और मोदी का जवाब इतना बॉलीवुड टाइप डिफेंसिव-ऑफेंसिव था कि अमेरिका ने शायद उसी वक्त से पाकिस्तान को Non-NATO Ally Lite Version बना दिया होगा।
पाकिस्तान का “विधवा विलाप” शुरू
मोदी का संसद में यह बयान आते ही पाकिस्तान की मीडिया और राजनीति में सन्नाटा नहीं, बल्कि “सुनामी ऑफ़ शोर” आ गया।
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किसी ने कहा: “ये डिप्लोमैसी नहीं, धमकी है!”
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किसी ने लिखा: “भारत हमारे ऊपर जंगी दबाव बना रहा है।”

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कुछ चैनलों ने तो “इमरान के बियानों को म्यूट करके मोदी का फुल वॉल्यूम” चला दिया।
पाक मीडिया में ‘मोदी जी लाइव’ आजकल टॉप रेटेड शो बन गया है — हाफ़िज़ सईद भी अब ‘न्यूज़ नाइट’ में पैनलिस्ट बनना चाहता है।
भारत की रणनीति साफ: “पहले चेतावनी, फिर कार्रवाई… और फिर खुलासा!”
भारत का नया सुरक्षा सिद्धांत संसद में दिख गया:
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हमला करो
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अमेरिका को बताओ
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संसद में बताओ कि अमेरिका को बताया था
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पाकिस्तान को बताओ कि सबको बताया था
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियां अब भारतीय संसद की लाइव स्ट्रीम को ऑफिशियल इंटेलिजेंस सोर्स मानने लगी हैं!
“जो समझ गए, वो शांत हैं… जो नहीं समझे, वो न्यूक्लियर बटन पर हाथ रखे हैं!”
प्रधानमंत्री मोदी का यह खुलासा ना सिर्फ़ पाकिस्तान के लिए एक कड़ा संदेश है, बल्कि दुनिया को यह बताने की रणनीति है कि भारत अब सिर्फ़ कूटनीति की चाय नहीं, तोपों की तैयारी में है।
और पाकिस्तान?
वो अब “घबराहट में डूबा, चीखता, फूंकता और काग़ज़ी बम उड़ाता पड़ोसी” बन चुका है।
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