
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने लंदन स्थित चैटम हाउस में अपने संबोधन में बड़ा दावा करते हुए कहा कि उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया था कि भारत की धरती से पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को राजनीतिक बयान देने से रोका जाए, लेकिन यह अनुरोध नजरअंदाज कर दिया गया।
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BIMSTEC बैठक में हुई थी बात, अब भी जारी है प्रत्यर्पण की कोशिश
यूनुस ने बताया कि यह मुद्दा अप्रैल में बैंकॉक में BIMSTEC शिखर सम्मेलन के दौरान उठाया गया था, जब दोनों नेताओं की द्विपक्षीय बैठक हुई थी। यूनुस के मुताबिक, भारत से शेख हसीना के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया अभी भी जारी है।
“फेक न्यूज़ से बिगड़ते हैं हालात” – यूनुस का मीडिया पर हमला
यूनुस ने भारतीय मीडिया को भी कटघरे में खड़ा करते हुए कहा,
“भारतीय प्रेस की फेक न्यूज से हर समय कुछ न कुछ समस्याएं पैदा हो जाती हैं। इससे बांग्लादेश में गुस्सा और आशंका फैलती है।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि उनका देश भारत से शांतिपूर्ण संबंध बनाए रखना चाहता है, लेकिन डिजिटल स्पेस में फैल रही गलत सूचनाओं के कारण हालात बार-बार बिगड़ जाते हैं।
शांति कायम रखना है प्राथमिकता
यूनुस ने कहा कि बांग्लादेश की प्राथमिकता फिलहाल शांति बनाए रखना है।
“हम शांत रहने की पूरी कोशिश करते हैं लेकिन अचानक कोई घटना घटती है और गुस्सा लौट आता है। इस समय हमारे लिए शांति स्थापित करना ही बड़ा कार्य है।”
भारत-बांग्लादेश रिश्तों में तनाव की नई कड़ी?
यूनुस का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन की प्रक्रिया और पूर्व पीएम शेख हसीना के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय आलोचना जारी है। भारत की प्रतिक्रिया इस पर क्या होगी, यह देखना बाकी है, लेकिन यूनुस के शब्दों ने दोनों देशों के रिश्तों में नया राजनीतिक मोड़ जरूर जोड़ दिया है।