
लोकसभा में जब विपक्ष बिहार की वोटर लिस्ट पर गरज रहा था, उसी बीच सरकार ने चुपके से एक बड़ा गेम खेल दिया — Merchant Shipping (Amendment) Bill 2024 पास!
सवाल ये नहीं कि विमर्श कितना हुआ, सवाल ये है कि बिल पास हो गया… और भारत अब समंदर में “नियम से चलेगा, वरना सीधा कब्ज़ा!” मोड में आ गया है।
पुराना कानून अब इतिहास
1958 का Merchant Shipping Act एक जमाने में ठीक था — जैसे की बीटल्स के गाने और ब्लैक एंड व्हाइट टीवी। लेकिन अब जब भारत G20 की मेज़ पर बैठा है, और साउथ चाइना सी की हलचलें बढ़ रही हैं, तो नया कानून ज़रूरी था।
अब अगर कोई जहाज़ बिना झंडा लगाए भारत के समंदर में घुस आया — “तो उसे भारत ‘नो नेशन शिप’ मानकर पकड़ सकता है, और कब्ज़ा भी कर सकता है!”
बिल में क्या-क्या नया है?
अब सिर्फ अमीर ही जहाज़ नहीं खरीदेंगे
पहले समुद्र में जहाज़ चलाना VIP क्लब जैसा था। अब आम भारतीय नागरिक और कंपनियां भी इसका हिस्सा बन सकेंगी।
दुर्घटनाएं? अब होगी पूरी छानबीन!
समंदर में कुछ गड़बड़ दिखे — हादसा, संदिग्ध गतिविधि या बिन बुलाया मेहमान — सरकार अब फुल इन्वेस्टिगेशन कर सकती है। CID ऑन वेव्स!
बिना देश के जहाज़ = भारत का जहाज़
बिल में साफ लिखा है: अगर किसी जहाज़ का कोई झंडा नहीं, या उस पर से राष्ट्रीयता हटा दी गई है — तो भारत उसे अपने झंडे तले ला सकता है।
भारत की समुद्री सुरक्षा को मिलेगा बूस्ट
समंदर अब Playground नहीं, Battleground है।
इस नए कानून के तहत भारत:
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समुद्री सीमाएं मज़बूत कर पाएगा
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समुद्री व्यापार को बढ़ावा देगा
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संदिग्ध जहाज़ों को समय रहते पकड़ सकेगा
भारत की ब्लू इकॉनॉमी (Blue Economy) और नेवल डिप्लोमेसी को इससे नई दिशा मिलेगी।
विपक्ष का हंगामा: वोटर लिस्ट पर ज़ोर, समंदर पर शोर नहीं
जब सरकार यह बिल पास कर रही थी, विपक्ष बिहार की वोटर लिस्ट पर चौका-छक्का मारने में व्यस्त था। बिल पर चर्चा लगभग नाम मात्र हुई और उसके बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों का कहना है कि ये बिल जल्दीबाज़ी में पास हुआ और इस पर गंभीर विमर्श होना चाहिए था।
अब स्थिति ये है कि अगर कोई जहाज़ बिना झंडा लगाकर भारत के समुद्री इलाके में दाखिल हुआ, तो “फ्रेंडली इंटरव्यू” नहीं, सीधा “प्रॉपर्टी सीज़” हो सकता है।
भारत का संदेश साफ है:
“समंदर भी मेरा, और उस पर चलने वाला सिस्टम भी मेरा!”
Merchant Shipping Amendment Bill 2024 भारत को एक Global Maritime Power बनाने की दिशा में ठोस कदम है।
यह कानून भारत को समुद्री सीमाओं की रक्षा, व्यापार में विस्तार और ‘रूल्स बेस्ड ऑर्डर’ स्थापित करने में मदद करेगा। तो अगली बार कोई जहाज़ आए तो पूछना मत पड़े – “तिरंगा दिखाओ या किनारे लगो!”