
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद जहां एक ओर देश की सुरक्षा पर बहस तेज़ है, वहीं दूसरी ओर बीजेपी और कांग्रेस के बीच राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप भी चरम पर पहुंच गया है। इस बीच, बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख मायावती ने दोनों दलों को आड़े हाथों लिया है।
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मायावती की एक्स पोस्ट: ‘घिनौनी राजनीति से बचें’
मायावती ने बुधवार को अपने X अकाउंट पर लिखा:
“पहलगाम आतंकी हमले को लेकर सभी पार्टियों को एकजुट होकर सरकार के हर कदम के साथ खड़े होना चाहिए, ना कि इसकी आड़ में पोस्टरबाज़ी व बयानबाज़ी आदि के ज़रिए घिनौनी राजनीति की जानी चाहिए, क्योंकि इससे लोगों में कन्फ्यूज़न पैदा हो रहा है, जो देश हित में ठीक नहीं।”
बीजेपी-कांग्रेस आमने-सामने, पोस्टर बना विवाद की जड़
पहले बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने एक प्रेस वार्ता में कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने एक ऐसा पोस्टर जारी किया जिसमें प्रधानमंत्री को ‘ग़ायब’ दिखाया गया। पोस्टर में एक बिना सिर वाली तस्वीर के ऊपर “ग़ायब” लिखा था।
इसके बाद बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने भी X पर लिखा:
“यह सिर्फ एक राजनीतिक स्टैंड नहीं है, बल्कि प्रधानमंत्री के खिलाफ उकसाने की साजिश है।”
राष्ट्रीय सुरक्षा पर राजनीति उचित नहीं
मायावती का यह बयान ऐसे समय में आया है जब पहलगाम हमले के बाद देश में सुरक्षा और जवाबी कार्रवाई को लेकर माहौल बेहद संवेदनशील है। ऐसे में राजनीतिक दलों द्वारा इस गंभीर मुद्दे को राजनीति का माध्यम बनाना न केवल गैर-जिम्मेदाराना है बल्कि जनता में भ्रम की स्थिति भी पैदा कर रहा है।
पहलगाम आतंकी हमले जैसे राष्ट्रीय संकट के समय राजनीतिक एकता और जिम्मेदारी की आवश्यकता होती है, न कि पोस्टर वार और बयानबाज़ी की। मायावती का यह बयान एक संतुलित और राष्ट्रहित में दिया गया संदेश माना जा रहा है।
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