
बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती एक बार फिर एक्टिव मोड में हैं। लखनऊ के बसपा मुख्यालय में हुई ‘महाबैठक’ ने इतना तो साफ कर दिया कि पार्टी इस बार बैठकर नहीं, बूथ पर उतरकर चुनाव लड़ने वाली है।
बैठक में सतीश चंद्र मिश्रा, विधायक उमाशंकर, और ढेर सारे ‘बूथ योद्धा’ मौजूद थे। अंदर से एक नेता ने कहा,
“बैठक में चाय भी थी, लेकिन सवाल ज़्यादा गर्म थे!”
कौन-कौन से चुनाव पर फोकस?
बिहार पंचायत चुनाव, उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव और 2025 का महामुक़ाबला: UP विधानसभा चुनाव मायावती ने साफ कर दिया कि अब सिर्फ़ “परचम फहराओ” नहीं,
अब “हर बूथ पर हाथी बैठाओ” टाइप रणनीति चलेगी।
बूथ मैनेजमेंट या बूथ की माला जपना?
बैठक में सबसे बड़ा मुद्दा था — बूथ। हर जिले से बूथ का डाटा लिया गया। कुछ कार्यकर्ताओं ने बताया,
बूथ तो है, लेकिन वोट नहीं हैं।”
इस पर तुरंत जवाब आया:

“तो फिर बूथ मज़बूत करो, फेसबुक पर फोटो मत चढ़ाओ!”
निष्कर्ष: मिशन 2025 के लिए बसपा ने कसी कमर या पहन लिया सूट?
बसपा की यह बैठक बताती है कि पार्टी अब गंभीर है — लेकिन सवाल वही है:
“क्या जनता अब भी बसपा को सीरियस लेती है?”
या फिर ये सब एक चुनावी ‘रिहर्सल’ भर है जिसमें अंत में माइक बंद हो जाता है और पब्लिक कहती है — “अब अगले 5 साल बाद मिलते हैं!”
“पावागढ़ रोपवे का तार टूटा, 6 की मौत – आस्था के रास्ते पर हादसा!”