
उत्तर प्रदेश के महोबा जनपद से एक ऐसा मामला सामने आया है जो प्रशासन और समाज दोनों पर सवाल उठाता है।
चरखारी थाना क्षेत्र के एक गांव में बकरी चरा कर लौट रही महिला को रास्ते में रोककर कुछ दबंगों ने अश्लील हरकतें कीं और विरोध करने पर गंदी गालियां दीं।
जब महिला थाने पहुंची तो पुलिस ने रिपोर्ट तक दर्ज नहीं की। लेकिन जब मामला एसपी प्रबल प्रताप सिंह तक पहुंचा — तब जाकर दो आरोपितों पर FIR दर्ज हुई।
“बकरी चरा रही थी, पर ये दरिंदे कुछ और ही सोच बैठे थे…”
पीड़िता ने बताया कि वह बकरी चराकर घर लौट रही थी, तभी गांव के बाहर जयहिंद पुत्र हरिकिशन अपने साथी के साथ बैठा था। दोनों ने उसे रास्ते में रोक लिया, और जबरदस्ती अश्लील हरकतें करने लगे। यहां तक कि दबंगों ने महिला को “एक रात के लिए पैसों का लालच” भी दिया। विरोध करने पर कहा — “अगर किसी को बताया, तो गांव से निकाल देंगे।”
यानि अपराध तो हुआ ही, ऊपर से धमकी और सामाजिक बदनामी का डर भी थोप दिया गया।
पुलिस का रवैया – शिकायत की फाइल में धूल जमने दी!
महिला ने पहले ही आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था, लेकिन कोई कार्रवाई न होने से आरोपी और बेलगाम हो गए। इस बार भी जब थाने गई, तो पुलिस ने मामला टाल दिया। अंततः महिला ने एसपी से लिखित शिकायत की। अब एसपी प्रबल प्रताप सिंह के आदेश के बाद दो आरोपियों पर एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की गई है।

थाना प्रभारी प्रवीण कुमार सिंह ने कहा — “मामले की जांच चल रही है, साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।”
“अगर एसपी तक मामला न पहुंचता, तो क्या ये महिला यूं ही न्याय के लिए भटकती रहती?”
अब उम्मीद – FIR से नहीं, न्याय से मिले सुकून
एफआईआर दर्ज होना पहला कदम है, पर जब तक दोषियों पर सख्त कार्रवाई नहीं होती, तब तक यह महिला की नहीं, पूरे समाज की हार है। क्योंकि जब किसी गांव की औरत को डर लगता है, तो वह सिर्फ एक इंसान नहीं, बल्कि पूरी इंसानियत हारती है।
