
उत्तर प्रदेश के महोबा जिले के श्रीनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) में डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी मरीजों का इलाज छोड़कर ‘म्यूज़िक थेरेपी’ पर उतर आए। लेकिन ये थेरेपी खुद के लिए थी, न कि मरीजों के लिए।
बॉलीवुड बीट्स, स्टाफ की तालियों और कैमरे की आंख—ये सब ड्यूटी ऑवर्स में हुआ, जब अस्पताल का मुख्य दरवाज़ा बंद कर भीतर एक शानदार DJ पार्टी हुई।
वायरल वीडियो और स्वास्थ्य विभाग का झटका
सोशल मीडिया पर जैसे ही वीडियो वायरल हुआ, स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की सांस ऊपर-नीचे होने लगी।
CMO डॉ. आशाराम ने बिना देर किए दो डॉक्टरों और पाँच अन्य कर्मियों को CHC श्रीनगर से हटाकर दूसरे केंद्रों में अटैच कर दिया।
जांच समिति: ‘स्टेथोस्कोप छोड़ माइक क्यों उठाया?’
घटना की जांच के लिए बनी 3 सदस्यीय जांच समिति में ये शामिल हैं:
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डॉ. एस.के. वर्मा (एडिशनल CMO, अध्यक्ष)
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डॉ. प्रयागदत्त (डिप्टी CMO)
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ममता (DPM)
CMO ने कहा, “अस्पताल नाचने का मंच नहीं, जहां स्वास्थ्यकर्मी गानों पर थिरकते रहें और मरीज कतार में तड़पते रहें।”
कार्यक्रम का नाम ‘फेयरवेल’, लेकिन माहौल था ‘फेयरवॉल्यूम’
बताया गया कि ये DJ पार्टी एक ट्रांसफर हो रहे कर्मचारी को विदाई देने के लिए रखी गई थी। लेकिन सारा मामला थोड़ा सा भावुक और काफ़ी ज़्यादा फ़िल्मी हो गया।
DJ सेटअप, धड़ाधड़ डांस, नर्सों की परफॉर्मेंस—कह सकते हैं कि अस्पताल में मरीजों की जगह ‘मोमेंट्स’ की देखभाल चल रही थी।
शामिल नाम: इलाज में माहिर, नृत्य में भी निपुण
वीडियो में दिखे ये स्वास्थ्यकर्मी:
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डॉ. अजय सिंह (अधीक्षक)
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डॉ. श्वेता सचान
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फार्मासिस्ट सतीश कुमार
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स्टाफ नर्स जूली और आराधना
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एएनएम गुड़िया और मंजू गौतम
अब ये सभी किसी और सेंटर में जाएंगे—उम्मीद है वहां DJ सेटअप न होगा।
हेल्थ विभाग की चेतावनी: अगली बार DJ नहीं, Dismissal होगा
स्वास्थ्य विभाग ने सभी अस्पतालों को चेतावनी दी है:
“अस्पताल, बारातघर नहीं हैं। ड्यूटी के दौरान ऐसी अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सेवा सर्वोपरि है, संगीत नहीं।”
इलाज, फेयरवेल और वायरल विडियो—स्वास्थ्य विभाग को नहीं थी ऐसी उम्मीद
ये घटना हमें ये सोचने पर मजबूर कर देती है कि क्या सरकारी अस्पतालों में गंभीरता केवल मेडिकल रिपोर्ट तक सीमित रह गई है?
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