
देश स्वतंत्रता दिवस की 79वीं वर्षगांठ की तैयारी में जुटा है, लेकिन सेना हर साल की तरह इस बार भी सीमाओं पर पूरी सतर्कता के साथ तैनात है। खासकर जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में तंगधार सेक्टर में LOC पर भारतीय सेना ने 3 लेयर का रोबोटिक सिक्योरिटी ग्रिड तैयार किया है, ताकि पाकिस्तान की ओर से कोई भी घुसपैठ न हो सके।
पहली लेयर: हाई-टेक निगरानी उपकरण
इस सुरक्षा घेरा की पहली परत स्मार्ट और रोबोटिक निगरानी सिस्टम पर आधारित है। इसमें शामिल हैं:
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Radar Surveillance
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Thermal Imaging Devices
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Helmet-Mounted Sights
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Unmanned Aerial Vehicles (UAV)
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Smart Fence System
अधिकारी के अनुसार: “हमारा काम शून्य घुसपैठ सुनिश्चित करना है, और इसके लिए हर तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं।”
दूसरी लेयर: बारूदी सुरंगों और बाधा प्रणाली
सेना ने LOC के संवेदनशील क्षेत्रों में बाधा प्रणाली (Obstacle System) तैयार की है:
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अलग-अलग तरह की बारूदी सुरंगें
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ऑप्टिकल सिस्टम जो रात में भी एक्टिव रहते हैं
इसका मकसद है – “घुसपैठिया भारतीय सीमा में कदम रखने से पहले ही डिटेक्ट हो और निष्क्रिय किया जा सके।”
तीसरी लेयर: ज़मीनी सैनिक – हमले को तैयार
इस सुरक्षा कवच की सबसे ताकतवर परत हैं – भारतीय सेना के जवान।
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ये जवान हर वक़्त घात लगाकर तैनात हैं

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नियमित रूप से गश्त (Patrolling) करते हैं
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दुश्मन पर तुरंत एक्शन के लिए तैयार रहते हैं
अधिकारी के शब्दों में: “तीसरी लेयर की मौजूदगी ही दुश्मन को डराने के लिए काफी है।”
सेना में जोड़े गए नए हथियार और स्मार्ट डिवाइस
सेना की ताकत को और बढ़ाने के लिए नई टेक्नोलॉजी वाले हथियार और वाहन भी जोड़े गए हैं:
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Quadcopters & Drones
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Advanced Monitoring Tools
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Bulletproof & All-terrain Vehicles
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Modern Assault Weapons
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Night Vision Devices
ये सभी इक्विपमेंट भारतीय सेना को एक “टेक्नो-स्ट्रैटजिक पावर” बना रहे हैं।
LOC पर भारत पूरी तरह चौकस है। जहां देश तिरंगा लहराने की तैयारी कर रहा है, वहीं सेना ताकि तिरंगा बेखौफ लहराता रहे — इस मिशन पर डटी हुई है।
“बॉर्डर पर कोई हलचल नहीं दिखनी चाहिए — यही है ऑपरेशन ‘शून्य घुसपैठ’ का मकसद।”
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