
चीन से आई इस खबर ने दुनिया की डिप्लोमैटिक बिरादरी को “पिंग-पॉन्ग की तरह चौंका” दिया है। टॉप चीनी डिप्लोमैट लियू जियानचाओ, जिन्हें शी जिनपिंग का करीबी और अगला विदेश मंत्री माना जा रहा था, अब हिरासत में हैं।
बीजिंग लौटे और सीधे पकड़ लिए गए!
लियू जुलाई के अंत में एक अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम से लौटे और तभी उन्हें “साइड में ले लिया गया।” सरकार की ओर से अब तक कोई स्पष्टीकरण नहीं आया है, पर पार्टी के गलियारों में सन्नाटा गूंज रहा है।
लियू: जिनपिंग की एंटी-करप्शन आर्मी के कप्तान!
पार्टी के ‘वफादार सिपाही’ रहे लियू
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लियू जियानचाओ, 61 वर्षीय सीनियर कम्युनिस्ट नेता, अंतर्राष्ट्रीय विभाग के प्रमुख हैं।
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शी जिनपिंग के करप्शन-विरोधी अभियान में इनकी भूमिका बेहद अहम रही है।
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दुनियाभर के 160 देशों के राजनायिकों से मुलाकात और अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन से बातचीत में भी ये सबसे आगे रहे।
Diplomacy में लियू ने वो कर दिखाया, जो TikTok में भी मुश्किल है – बैलेंस!
डिप्लोमैट से ‘डिटेन’ तक का शॉर्टकट!
बीजिंग की कहानी में क्लाइमेक्स जल्दी आ जाता है। जहां बाकी देशों में विदेश मंत्री बनने से पहले फूलमाला पहनाई जाती है, वहीं चीन में लगता है – “हथकड़ी पहनाई जा सकती है!”
इतिहास शानदार था…
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1995 में विदेश मंत्रालय से शुरुआत की
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यूके, इंडोनेशिया, फिलीपींस में सेवाएं
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चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के रूप में भी छाए रहे
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अपनी साफ-सुथरी और ‘कट्टर’ चीनी हितों की वकालत के लिए पहचाने जाते थे
लेकिन शायद चीन में “कट्टर वफादारी” भी कब राजनीतिक खतरा बन जाए, कहा नहीं जा सकता।
“विदेश नीति बनाते-बनाते खुद इनसाइड पॉलिसी में चले गए!”
जिनसे दुनिया को हैंडल करने की उम्मीद थी, अब खुद ‘हैंडल’ हो रहे हैं पार्टी के अंदर!
बाहर के नेताओं से मुस्कान, अंदर पार्टी से पूछताछ।
अभी पार्टी मौन है, लेकिन दुनियाभर की मीडिया नहीं
इस घटना ने सवाल खड़े कर दिए हैं:
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क्या लियू ने पार्टी की लाइन से हटकर कुछ किया?
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क्या ये एक और “पॉलिटिकल पर्ज” (राजनीतिक सफाई अभियान) का हिस्सा है?
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या ये भी शी जिनपिंग की “स्ट्रॉन्ग मैन इमेज” बनाए रखने की कवायद?
लियू जियानचाओ की हिरासत सिर्फ एक व्यक्ति की कहानी नहीं, बल्कि चीन की उस राजनीति की झलक है जहां सब कुछ अचानक होता है – और चुपचाप!
अब देखना ये है कि ये चुप्पी कितना कुछ कह जाती है।