
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अक्सर बच्चों के साथ प्रेम और दुलार की तस्वीरों में नज़र आते हैं, लेकिन सोमवार को उनके जनता दर्शन में ऐसी एक प्यारी सी घटना हुई जिसने सबका दिल जीत लिया। नन्हीं बच्ची की मासूम गुहार — “आप स्कूल में एडमिशन करा दो बस” — ने योगी को तुरंत एक्शन मोड में ला दिया, और इसी वजह से ये तस्वीरें लखनऊ से गोरखपुर तक वायरल हो गईं।
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गुहार और सीएम की ‘हँसी-ठिठोली’ वाली प्रतिक्रिया
जनता दर्शन हॉल में एक बच्ची दस्तावेज़ लेकर आई और योगी जी से डरे ना—डरे जवाब दिया, आप स्कूल एडमिशन करा दो।
योगी जी मुस्कुरा कर बोले, 10वीं में कराना है या 11वीं में?
बच्ची ने नटखट अंदाज़ में कहा, स्कूल में एडमिशन।
और बस, सीएम ने तुरंत अधिकारियों को निर्देश दे दिए — “इसका एडमिशन करो, जरूर होना चाहिए।” इतनी सरलता और तीव्रता देखकर वहां हँसी भी थी और सरकारी काम की कतार भी।
अधिकारियों को ‘टास्क मास्टर’ योगी की वॉयस-ओवर
टीम योगी ने सबकी आँखों-देखी उसी घड़ी में शुरू कर दी काम की सड़क पर ओवरटेक। सीएम ने आदेश दिया कि साधारण बच्ची को “अच्छे स्कूल” में एडमिशन दिलाना है — बहाना नहीं चलेगा। इसने दिखाया कि जनता दर्शन सिर्फ सुने का नहीं, तुरंत कर दिखाओ का मंच भी है।
स्कूल से जमीन तक — शिकायतों का ‘योगी रिऐक्शन टाइम’
बच्ची की एडमिशन वाली बोली पर हँसी सामान्य थी, लेकिन योगी की गंभीरता भी कम नहीं — उन्होंने राजस्व और जमीन से जुड़ी हर शिकायत को ‘नो मैटर लेट’ मोड में निपटाने का आदेश दिया। उनका कहना था, “जहाँ लापरवाही हुई है, वहाँ जिम्मेदारी दोगुनी करो।”
जनता दर्शन में योगी ने दिखा दिया कि वे सिर्फ हवादार ट्वीट नहीं, बल्कि स्क्रीन से बाहर काम करने वाले सीएम हैं।
जब सीएम दिखाए मानवता और कर्तव्य दोनों का मेल
सीएम योगी की ये घटना याद दिलाती है कि सत्ता में रहने का असली मतलब है — छोटे से छोटे सपने को देना अनोखा सम्मान। स्कूल एडमिशन हो या जमीन का निपटारा, आयोजनों की तस्वीरें नहीं, मानवता की कहानी भी जन्नत में जानी चाहिए।