कोहली 2014 vs गिल 2025: कप्तानी मिली, अब बल्ला बोलेगा या ट्रोल?

पदमपति शर्मा
पदमपति शर्मा

शुभमन गिल की तुलना सीधे विराट कोहली से करना जल्दबाज़ी होगी। लेकिन अगर हम 2014 में उस पल को याद करें जब धोनी के संन्यास के बाद विराट कोहली को टेस्ट टीम की कमान सौंपी गई थी, तो तस्वीर साफ़ होती है। उस वक्त विराट के पास अनुभव सीमित था, लेकिन जज़्बा अपार था — कुछ वैसा ही आज शुभमन गिल के साथ भी है।

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आंकड़ों में कौन कहां खड़ा है?

कोहली (2014 तक):

  • 29 टेस्ट

  • 1,855 रन, औसत: 39.46

  • 6 शतक, 9 अर्द्धशतक

गिल (2025 तक):

  • 32 टेस्ट

  • 1,893 रन, औसत: 35.05

  • 5 शतक, 7 अर्द्धशतक

इन आंकड़ों से पता चलता है कि अनुभव और प्रदर्शन के मामले में गिल, कोहली के करीब हैं — लेकिन अब परीक्षा है कप्तानी की।

कप्तानी का दबाव और गिल का व्यक्तित्व

विराट कोहली जहां आक्रामक और जुनूनी हैं, वहीं रोहित शर्मा शांत और रणनीतिक। शुभमन गिल इन दोनों के बीच की कड़ी हैं — वे शांत दिखते हैं, लेकिन रणनीति के मामले में जागरूक और परिपक्व नज़र आते हैं। यह मिश्रण उन्हें एक अनोखा लीडर बनाता है।

आईपीएल में गिल की कप्तानी: पहला संकेत

गुजरात टाइटंस के कप्तान के रूप में गिल ने दिखाया कि वो न केवल दबाव संभाल सकते हैं बल्कि टीम को संतुलित रूप से चला भी सकते हैं। आईपीएल जैसे तेज़ फॉर्मेट में भी उनकी बल्लेबाज़ी में गिरावट नहीं आई — यह बड़ा सकारात्मक संकेत है।

असली अग्निपरीक्षा

गिल के लिए सबसे बड़ी चुनौती इंग्लैंड की पिचें होंगी, जहां उन्होंने अब तक 14.66 की औसत से ही रन बनाए हैं। लेकिन अब उन्हें न सिर्फ़ रन बनाने हैं बल्कि टीम को भी आगे बढ़ाना है — और यही असली कप्तान की पहचान होती है।

कोच गौतम गंभीर के साथ तालमेल कितना अहम?

गौतम गंभीर का व्यक्तित्व भी काफी दमदार और स्पष्ट सोच वाला है। ऐसे में गिल और गंभीर का तालमेल भारतीय टीम की सफलता की कुंजी साबित हो सकता है। अब जब टीम में ‘मध्यस्थ’ की भूमिका निभाने वाले अभिषेक नायर भी नहीं हैं, तो गिल को खुद ये पुल बनाना होगा।

गिल को क्यों चुना गया?

टीम इंडिया ने केएल राहुल, पंत या संजू सैमसन जैसे खिलाड़ियों को पीछे छोड़कर गिल को टेस्ट कप्तान चुना क्योंकि चयनकर्ताओं को उनमें दीर्घकालिक स्थिरता दिखी। साथ ही, गिल की तकनीकी बल्लेबाज़ी क्षमता उन्हें टेस्ट क्रिकेट के लिए उपयुक्त बनाती है।

शुभमन गिल के पक्ष में कौन-कौन से फैक्टर हैं?

  1. उम्र और ऊर्जा – गिल अभी करियर के उस मोड़ पर हैं जहां सुधार और नेतृत्व दोनों मुमकिन हैं।

  2. बदला हुआ इंग्लैंड अटैक – ब्रॉड और एंडरसन जैसे दिग्गज जा चुके हैं, नए गेंदबाज़ों को पढ़ना आसान हो सकता है।

  3. कोच के साथ अनुभव – गंभीर को पहले भी कप्तान और मेंटर के रूप में देख चुके हैं, जिससे लर्निंग कर्व तेज़ हो सकती है।

गिल को क्या करना होगा?

शुभमन गिल के पास विराट कोहली जैसा बनने का हर मौका है, लेकिन उन्हें अपनी बल्लेबाज़ी में निरंतरता और कप्तानी में चतुराई दिखानी होगी। इंग्लैंड का दौरा उनके करियर की दिशा तय कर सकता है।

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