ईरान तनाव पर पीएम मोदी की शांति अपील | जानिए भारत की भूमिका

साक्षी चतुर्वेदी
साक्षी चतुर्वेदी

मध्य पूर्व एक बार फिर उथल-पुथल से गुजर रहा है। ईरान और इसराइल के बीच तनाव गहराता जा रहा है, खासकर जब अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों—फ़ोर्दो, नतांज़ और इस्फ़हान—पर रविवार को हमला कर दिया। इस घटनाक्रम ने वैश्विक स्तर पर चिंता बढ़ा दी है।

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पीएम मोदी ने की ईरानी राष्ट्रपति से बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति मसूद पेज़ेश्कियान से टेलीफोन पर बातचीत की। उन्होंने इस बातचीत की जानकारी एक्स  पर साझा की। पीएम मोदी ने लिखा, हमने वर्तमान स्थिति पर विस्तार से चर्चा की और हालिया तनाव को लेकर गहरी चिंता जताई है।

भारत ने क्या कहा?

भारत ने हमेशा वैश्विक स्थिरता और क्षेत्रीय शांति की वकालत की है। पीएम मोदी ने साफ शब्दों में कहा कि:

तनाव को तुरंत कम करने की जरूरत है

संवाद और कूटनीति को प्राथमिकता मिलनी चाहिए

क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता की बहाली बेहद जरूरी है

भारत की भूमिका: मध्यस्थ या शांति-दूत?

भारत ऐतिहासिक रूप से गैर-पक्षपाती नीति अपनाता रहा है, लेकिन इस बार वैश्विक स्तर पर उसकी सक्रिय कूटनीतिक भूमिका देखी जा रही है। भारत की बात सुनना कई देशों के लिए मायने रखता है, खासकर जब वह शांति की बात करता है।

आगे क्या?

जहाँ एक ओर अमेरिका और इसराइल सख्त रुख अपना रहे हैं, वहीं दूसरी ओर भारत जैसे देश शांति और स्थिरता की अपील कर रहे हैं। आने वाले दिन यह तय करेंगे कि कूटनीति मजबूत होती है या संघर्ष और गहराता है।

ईरान-इसराइल तनाव ने पूरी दुनिया को चिंता में डाल दिया है, लेकिन भारत जैसे देशों की शांति की पहल एक उम्मीद की किरण है। पीएम मोदी की पहल न सिर्फ भारत की वैश्विक स्थिति को मज़बूत करती है, बल्कि दुनिया को यह संदेश भी देती है कि शब्दों से युद्ध नहीं, समाधान निकलते हैं।

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