किम जोंग का ‘नो-कंडीशन ऑफर’ – रूस को मिल रहा है दोस्ती का टर्बोचार्जर

राघवेन्द्र मिश्रा
राघवेन्द्र मिश्रा

उत्तर कोरिया के सुप्रीमो किम जोंग-उन ने रूस को ऐसा दोस्ताना ऑफर दिया है, जो शायद वैलेंटाइन डे पर भी कोई न दे! रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव जब प्योंगयांग पहुंचे, तो मुलाक़ात सिर्फ गर्मजोशी की नहीं, रणनीतिक सहयोग की भी थी।

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“आप लड़ो, हम फॉलो!” – उत्तर कोरिया का ‘बिना शर्त समर्थन’

किम जोंग-उन ने न सिर्फ रूस के यूक्रेन युद्ध को सही ठहराया, बल्कि उसे ‘बिना शर्त समर्थन’ देने की घोषणा भी कर डाली। उन्होंने कहा, “यूक्रेनी संकट के मूल कारणों से निपटने के लिए रूस जो भी कदम उठा रहा है, हम उसके साथ हैं।”

यानि रूस अगर कहे ‘उधर चलो’, तो उत्तर कोरिया बिना पूछे ‘किधर तक?’ पूछने को भी तैयार नहीं!

11,000 सैनिक? ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे!

पश्चिमी देशों का दावा है कि उत्तर कोरिया ने रूस की मदद के लिए लगभग 11,000 सैनिक भेजे हैं। अब सवाल ये है कि ये सैनिक वाकई लड़ने गए हैं, या किसी ‘गोलगप्पे मिशन’ पर?

लावरोव से गले मिलते हुए दिखे किम – कैमरा ऑन, डिप्लोमेसी ऑन

लावरोव ने टेलीग्राम पर एक वीडियो भी पोस्ट किया है जिसमें वो किम से न सिर्फ हाथ मिलाते बल्कि गले भी लगते नज़र आए। कैमरा ऑन होते ही दोनों नेताओं की बॉडी लैंग्वेज यूँ बदली जैसे इंटरनेशनल डांस रियलिटी शो में ऑडिशन देने आए हों।

दूसरी तरफ अमेरिका का मिलिट्री सप्लाई ड्रामा

उधर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की राहत की सांस ले रहे हैं क्योंकि अमेरिका ने फिर से हथियारों की सप्लाई शुरू कर दी है। कुछ दिन पहले ही यह सप्लाई रोकी गई थी, लेकिन रूस के बढ़ते हवाई हमलों के बाद ट्रंप ने अपनी ‘नेटो डील’ का trump card खेला।

पैट्रियट मिसाइल – अमेरिका का रक्षा कवच यूक्रेन की तरफ

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एलान किया कि NATO के ज़रिए पैट्रियट एयर डिफ़ेंस सिस्टम अब यूक्रेन को मिलेगा। ज़ेलेंस्की ने कहा कि अगर ये सप्लाई नहीं मिलती तो यूक्रेन की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती थी।

यानि युद्ध का ये सीज़न नया ट्विस्ट लेकर आया है – एक तरफ किम की ‘भाईचारे की गोली’, दूसरी तरफ ट्रंप की ‘पैट्रियट डील’।

राजनीति, पब्लिक रिलेशन और सैटेलाइट

उत्तर कोरिया और रूस की ये दोस्ती भले ही अंतरराष्ट्रीय मंच पर सवाल खड़े करती हो, लेकिन इसका geopolitical satire कहता है — “दुनिया में कुछ भी हो सकता है, जब किम और पुतिन एक ही फ्रेम में आ जाएं!”

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