
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मैदान में प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने अपने नए कार्ड खोल दिए हैं। दूसरी लिस्ट में 65 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं, और अब तक कुल 116 योद्धा मैदान में उतर चुके हैं। लगता है जन सुराज का मकसद है-“हर वर्ग को एक टिकट दो, ताकि हर वोटर को लगे – ये पार्टी मेरी है!”
जातीय समीकरण का चक्रव्यूह: सबका साथ, सबका टिकट
जन सुराज की सूची देखकर जातीय संतुलन के प्रोफेसर भी कहें – “वाह PK बाबू, तू तो प्लानिंग का बाप निकला!”
उम्मीदवारों का वर्गीकरण:
EBC (अति पिछड़ा वर्ग): 14 उम्मीदवार
- 10 हिंदू
- 4 मुस्लिम
- OBC (पिछड़ा वर्ग): 10 उम्मीदवार
- General वर्ग: 11 ऊँची जाति के उम्मीदवार
- Minorities: 14 उम्मीदवार (अधिकतर मुस्लिम, कुछ ईसाई)
- SC/ST आरक्षित सीटें: 19 में से 19 पर उसी वर्ग के उम्मीदवार
जन सुराज का मंत्र: “जाति नहीं, जन गणना के अनुसार रणनीति!”
भागलपुर से मैदान में उतरे अभयकांत झा
भागलपुर सीट से सीनियर वकील अभयकांत झा को टिकट मिला है। अब देखना ये है कि कोर्टरूम में बहस जीतने वाले झा, बूथ पर वोट भी जीत पाएंगे या नहीं।
पहली लिस्ट का रिवाइंडर
पहली सूची में:

- कुल 51 नाम
- उनमें से 49 पहली बार चुनाव लड़ रहे थे
- दो अनुभवी खिलाड़ी (जो पहले भी हार या जीत का स्वाद चख चुके थे)
प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी अब तक दिखा रही है कि वो जातीय गणित में PhD कर चुकी है। अगर यही ट्रेंड रहा, तो अगली लिस्ट में “1 जैन, 1 बौद्ध, और 1 नास्तिक” को भी प्रतिनिधित्व मिल सकता है!
बिहार में उम्मीदवार नहीं, सामाजिक इंजीनियरिंग का मॉडल लॉन्च हो चुका है
प्रशांत किशोर का प्लान साफ है – “हर गली में नेता, हर जाति में प्रत्याशी और हर वोट में संभावित वोट बैंक!”
अब देखना ये है कि ये जन सुराज जन समर्थन में बदलता है या सिर्फ जन गणना में ही रह जाता है।
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