
आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी का काफिला 18 जून को गुंटूर के रेंटापल्ला की ओर बढ़ रहा था। तीन गाड़ियों वाला यह राजकीय काफिला आम रास्ते से नहीं, सीधा कानूनी संकट की लेन में उतर गया। स्वागत में खड़े 65 वर्षीय चीली सिंगय्या इस VIP ट्रैफिक के नीचे आ गए—और वही बन गया केस का ट्रिगर।
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FIR फुल डिटेल: एक गाड़ी, छह नाम और कई सवाल
शुरुआती FIR दर्ज की गई BNS की धारा 106(1) के तहत (लापरवाही से मौत)। लेकिन जैसे-जैसे CCTV फुटेज और चश्मदीद बयान सामने आए, केस को BNS की धारा 105 और 49 (गंभीर आरोप) में बदल दिया गया। FIR में जिन लोगों के नाम शामिल हैं:
जगन मोहन रेड्डी
ड्राइवर रमना रेड्डी
निजी सहायक नागेश्वर रेड्डी
पूर्व सांसद वीईवी सुब्बारेड्डी
पूर्व विधायक पर्नी वेंकटरमैया
पूर्व मंत्री विदाला रजनी
यानी VIP काफिला अब VIP फाइल बन गया है।
CCTV ने खोली पोल: “गाड़ी के नीचे सिंगय्या, और कैमरे के नीचे सबूत”
गुंटूर SP सतीश के अनुसार, साक्ष्यों में स्पष्ट रूप से दिख रहा है कि सिंगय्या रेड्डी के काफिले की कार के नीचे आए। CCTV फुटेज और चश्मदीदों की गवाही ने कहानी को एक नए एंगल में मोड़ दिया है।
YSR कांग्रेस की सफाई: “पुलिस पर राजनीतिक प्रेशर, हम निर्दोष!”
YSR कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि यह “राजनीतिक बदले की कार्रवाई” है। उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाया है कि सरकार के दबाव में आकर FIR में गंभीर धाराएं लगाई गईं। अब सवाल यह है कि क्या यह सच में कानून की लड़ाई है या सियासत की साजिश?
घटना की पृष्ठभूमि: श्रद्धांजलि यात्रा बनी शर्मिंदगी यात्रा?
जगन रेड्डी उस दिन एक आत्महत्या कर चुके कार्यकर्ता के परिवार से मिलने जा रहे थे। उद्देश्य श्रद्धांजलि था, लेकिन रास्ते में जो हुआ, वो पूरे मिशन पर भारी पड़ गया। इसे कहते हैं—“पब्लिक रिलेशन फेल, पुलिस रजिस्टर ओपन!”
राजनीति की सड़क पर अब स्पीड ब्रेकर बहुत हैं
एक हादसे ने सियासी गलियारों में भूचाल ला दिया है। FIR, CCTV, बयान और बयानबाज़ी—सब कुछ अब इस केस को 2025 का पहला हाई-वोल्टेज केस बना रहे हैं। सवाल है—क्या जगन मोहन रेड्डी इससे राजनीतिक रूप से उबर पाएंगे या यह मामला उनके लिए बनेगा लंबी रेस का केस?
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