
इसराइल ने ग़ज़ा में अपने सैन्य अभियान को और तेज़ करने का फैसला लिया है, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तीखी आलोचना हो रही है।
कई देशों और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने इस फैसले को युद्धविराम के विपरीत बताया है और तुरंत युद्ध रोकने की अपील की है।
जर्मनी ने हथियार निर्यात पर लगाया ब्रेक
जर्मनी के चांसलर फ़्रिड्रिख़ मर्त्ज़ ने कहा कि वे उन हथियारों के निर्यात पर रोक लगाएंगे, जिनका इस्तेमाल ग़ज़ा में हो सकता है। यह कड़ा कदम इसराइल की सैन्य कार्रवाई को लेकर वैश्विक चिंता को दर्शाता है।
ब्रिटेन और चीन का कड़ा विरोध
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर ने इस फैसले को “गलत” बताया और कहा कि इससे केवल खूनी संघर्ष बढ़ेगा।
चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि ग़ज़ा फिलिस्तीन का हिस्सा है और लोगों का हक है। चीन ने तत्काल युद्धविराम की मांग की है।
अमेरिका का दवाब: हमास का सफाया और मानवीय संकट समाधान
अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने कहा कि ट्रंप प्रशासन हमास को खत्म करना चाहता है ताकि इसराइल पर फिर हमला न हो, लेकिन साथ ही ग़ज़ा में मानवीय संकट का समाधान भी आवश्यक है।
संयुक्त राष्ट्र की चेतावनी: बड़े पैमाने पर विस्थापन और हत्याएं
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर तुर्क ने चेतावनी दी कि इसराइल की कार्रवाई से ग़ज़ा में बड़े पैमाने पर जबरन विस्थापन, हत्याएं और मानवीय संकट बढ़ेगा।
यूरोपीय कमीशन की अध्यक्ष की अपील
यूरोपीय कमीशन की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने इस फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है, ताकि युद्ध की विभीषिका को रोका जा सके।
फ़लस्तीनी अथॉरिटी का कड़ा विरोध
फ़लस्तीनी अथॉरिटी के प्रमुख महमूद अब्बास ने इसराइल के फैसले को “घोर अपराध” बताया और इसे अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन के रूप में देखा।
इसराइल के विपक्षी नेता ने हड़ताल की अपील की
इसराइल के विपक्षी नेता यायर लैपिड ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया और देशव्यापी हड़ताल की अपील का समर्थन किया। उनका कहना है कि यह विरोध प्रदर्शन उचित और न्यायपूर्ण है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बैठक और नेतन्याहू का बयान
इसराइल की सैन्य योजना पर चर्चा के लिए न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक होनी है। प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू जल्द ही एक न्यूज़ कॉन्फ्रेंस करेंगे।