
महाराष्ट्र में कोविड-19 संक्रमण की चिंताएं फिर से बढ़ने लगी हैं। सामुदायिक मंच ‘लोकल सर्किल्स’ द्वारा कराए गए एक सर्वे में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं।
अगर हमारा पानी रोकोगे तो हम तुम्हारी सांस रोक देंगे- अहमद शरीफ
सर्वे में क्या निकला?
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22% परिवारों में कम से कम एक सदस्य कोविड, फ्लू या वायरल बुखार जैसे लक्षणों से ग्रसित।
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15% परिवारों में दो या अधिक सदस्य इन लक्षणों से प्रभावित।
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सर्वे में 27 जिलों के 7000+ लोगों की राय शामिल, जिनमें से 54% मुंबई और पुणे से थे।
आधिकारिक आंकड़ों से बहुत ज्यादा हो सकती है हकीकत
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, जनवरी से मई 2025 के बीच कोविड के 132 मामलों की पुष्टि हुई है और 2 मौतें हुई हैं, दोनों मरीज पहले से गंभीर बीमारियों से पीड़ित थे। लेकिन सर्वे दर्शाता है कि बहुत कम लोग कोविड टेस्ट करा रहे हैं – 20 में से सिर्फ 1।
2025 में अब तक की स्थिति:
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अब तक 6066 सैंपल की जांच
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132 पॉजिटिव केस, जिनमें 101 मुंबई से
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52 एक्टिव केस, सभी हल्के लक्षणों वाले
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16 अस्पतालों में इलाज जारी
हेल्थ एक्सपर्ट्स की सलाह
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेताया है कि जो लोग पहले से किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं, उन्हें टेस्ट कराने में बिल्कुल लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। वायरल और कोविड लक्षणों के ओवरलैप की वजह से इलाज में देरी घातक हो सकती है।
आंकड़ों की सच्चाई पर सवाल
सर्वे रिपोर्ट का दावा है कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा बताए गए केस संभवतः ग्राउंड रियलिटी से बहुत कम हैं। कई लोग हल्के लक्षणों को मौसमी फ्लू समझकर टेस्ट नहीं करवा रहे।
महाराष्ट्र में कोविड का खतरा अभी टला नहीं है। सर्वे के आंकड़े और विशेषज्ञों की राय बताते हैं कि लोगों को सतर्कता बरतने की जरूरत है। टेस्टिंग, मास्क और साफ-सफाई को फिर से आदत बनाना होगा। सरकारी आंकड़े चाहे जो कहें, ग्राउंड लेवल पर तस्वीर कुछ और ही बयां कर रही है।
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