हॉलीवुड थ्रिलर नहीं, ईरान की ‘गैंगस्टर पॉलिटिक्स’ असली है

अजमल शाह
अजमल शाह

स्वीडन के सरकारी ब्रॉडकास्टर SVT की रिपोर्ट ने ऐसा खुलासा किया जिसने दुनिया की नींद उड़ा दी। दावा है कि ईरान अब अपने दुश्मनों से निपटने के लिए गैंगस्टर्स को हायर कर रहा है, वो भी यूरोप में। बंदूकें, ग्रेनेड और लिस्ट – सब कुछ अब कूटनीति से बाहर और ‘क्राइम नेटवर्क’ के हवाले।

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रावा माजिद: गैंगस्टर नहीं, अब ‘पॉलिटिकल एसेट’

‘Foxtrot गैंग’ के सरगना रावा माजिद को ईरान ने दो विकल्प दिए — जेल में सड़ो या हमारे लिए काम करो। उसने दूसरा चुना। मिशन? इजरायली एंबेसी पर हमला, पत्रकारों का शिकार और यूरोपीय यहूदी संस्थानों पर वार।

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ईरान का यह मॉडल आधुनिक आतंकवाद से कहीं ज्यादा खतरनाक है। इसमें

नो बॉर्डर

नो यूनिफॉर्म

नो अकाउंटबिलिटी
फिर भी लक्ष्य सटीक – विरोधियों को खत्म करना।

निशाने पर कौन-कौन हैं?

सबसे पहले निशाने पर है – ईरान इंटरनेशनल चैनल, जिसने ईरानी सरकार के भ्रष्टाचार और मानवाधिकार हनन की पोल खोली।
इसके अलावा:

लंदन स्थित पत्रकार

इजरायली दूतावास

यूरोप की यहूदी धार्मिक स्थल

गैंग्स जिनके पास है सरकार की बैकिंग

SVT की रिपोर्ट में सामने आया कि ये सिर्फ गैंग्स नहीं, ये प्रॉक्सी आर्मी हैं।

हथियार ईरान से

पैसा ईरान से

दुश्मनों की लिस्ट भी ईरान से

जब ‘देश’ बनें अपराधी, तो लोकतंत्र का क्या होगा?

दुनिया के लिए यह सिर्फ एक राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दा नहीं, बल्कि वैश्विक चेतावनी है। अगर कल को रूस, चीन, या उत्तर कोरिया भी यही मॉडल अपनाएँ, तो क्या हम किसी युद्ध की घोषणा सुनेंगे या किराए के हत्यारों की गोली?

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यह कहानी ‘हॉलीवुड थ्रिलर’ नहीं, बल्कि 21वीं सदी की जमीनी सच्चाई है – जब संप्रभु देश अपने दुश्मनों को खत्म करने के लिए गैंगस्टरों को अपना औजार बना लें, तो कूटनीति, लोकतंत्र और कानून तीनों हाशिए पर चले जाते हैं। 

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