तेहरान से लेकर पंजाब तक पानी बना तबाही का कारण

हुसैन अफसर
हुसैन अफसर

जब एक देश एक-एक बूंद पानी के लिए जूझ रहा है और दूसरा पानी के सैलाब से बर्बाद हो रहा है, तो सवाल उठता है — क्या ये बस मौसम है, या हमारी गलतियां भी हैं? ईरान की राजधानी तेहरान में जहां नलों से पानी गायब है, वहीं भारत के पंजाब, हिमाचल और दिल्ली जैसे इलाके पानी से बेहाल हैं।

तेहरान में डे जीरो का खतरा

ईरान में पिछले पांच सालों से सूखा पड़ रहा है, लेकिन 2025 की गर्मी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। बारिश न के बराबर हो रही है, बांध सूख चुके हैं और राजधानी तेहरान के 90 लाख लोग अब पानी के लिए तड़प रहे हैं
तेहरान को पानी देने वाले पांच प्रमुख बांधों में से एक — Lar Dam, अब सिर्फ 1% क्षमता पर है। बाकी बांधों का हाल भी बेहद खराब है।

बिजली भी गई, और सब्र भी

तेहरान में अब सिर्फ 7-8 घंटे ही बिजली मिल रही है। गर्मी, पानी की किल्लत और लाइट की कटौती — ये त्रासदी लोगों के गले से नीचे नहीं उतर रही। सड़कों पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो चुके हैं।
लोगों का साफ कहना है:

“हमें यूरेनियम नहीं, पीने का पानी चाहिए!”

डे जीरो क्या है?

“Day Zero” यानी वो दिन जब नलों में एक बूंद पानी नहीं बचेगा। ऐसे हालात में:

  • पानी की सप्लाई सिर्फ जरूरी संस्थानों को दी जाएगी (अस्पताल, फायर ब्रिगेड आदि)

  • आम जनता को टैंकर या सरकारी नलों से ही पानी मिलेगा

  • गरीब तबके के लिए ये संघर्ष का दौर होगा

भारत में पानी बना आफत

दूसरी तरफ, भारत का हाल इससे बिल्कुल उल्टा है। यहां तेज बारिश और नदियों में उफान से कई राज्य जलमग्न हो गए हैं। खासकर पंजाब, हिमाचल और दिल्ली की स्थिति गंभीर बनी हुई है।

पंजाब: 1300 गांव जलमग्न, 23 जिले बाढ़ प्रभावित

पंजाब में भारी बारिश और नदियों में उफान के कारण:

  • 23 जिलों को बाढ़ प्रभावित घोषित किया गया है

  • 1300 गांव पूरी तरह से पानी में डूब गए हैं

  • 30 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं

  • स्कूल-कॉलेज 7 सितंबर तक बंद कर दिए गए हैं

हिमाचल में रेड अलर्ट, स्कूल बंद

हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बारिश और लैंडस्लाइड की वजह से:

  • 1200 सड़कें बंद

  • सभी शैक्षणिक संस्थान 7 सितंबर तक बंद

  • मंडी, सोलन, सिरमौर, ऊना और बिलासपुर जिलों में रेड अलर्ट जारी

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ट्वीट कर कहा:

“बच्चों और शिक्षकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।”

दिल्ली में यमुना फिर उफान पर

दिल्ली में यमुना का जलस्तर 207.40 मीटर तक पहुंच चुका है, जो खतरे के निशान से 2 मीटर ऊपर है। NDRF की टीमें अलर्ट पर हैं, और निचले इलाकों से 10,000 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू किया गया है

भारत-पाकिस्तान भी अलर्ट मोड पर

भारत ने सतलुज और तवी नदी में बाढ़ की आशंका के चलते पाकिस्तान को आधिकारिक चेतावनी दी है। इसका कारण है हरिके और फिरोजपुर जैसे इलाकों में डैम से छोड़ा गया अतिरिक्त पानी, जो सीमा पार भी तबाही मचा सकता है।

ये सब क्यों हो रहा है?

इस पूरी जल संकट और बाढ़ की वजह सिर्फ ‘मौसम’ नहीं है। इसके पीछे बड़ी वजह है:

  • Climate Change

  • अनियोजित शहरीकरण

  • पानी का दुरुपयोग

  • नदी, झील और जलाशयों की उपेक्षा

ईरान का सूखा और भारत की बाढ़, दोनों ही इस बात की गवाही दे रहे हैं कि अगर अब नहीं चेते, तो हालात और बिगड़ेंगे।

समाधान क्या है?

ईरान के लिए:

  • रेनवाटर हार्वेस्टिंग

  • समुद्री जल का शुद्धीकरण (Desalination)

  • जल प्रबंधन में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल

भारत के लिए:

  • अर्बन ड्रेनेज सिस्टम्स का सुधार

  • जल निकासी का आधुनिकीकरण

  • फॉरेस्ट कवर बढ़ाना और नदी पुनर्जीवन अभियान

एक तरफ बूंद-बूंद की किल्लत, दूसरी तरफ जल प्रलय

ईरान और भारत — दोनों विपरीत परिस्थितियों में हैं, लेकिन जड़ एक ही है: जलवायु परिवर्तन और हमारी लापरवाही। अब वक्त है चेतने का, नहीं तो कल का इतिहास हमें दोषी ठहराएगा।

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